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अधिक जनसंख्या और गिरती उपज का एक मात्र हल जैविक खेती

अधिक जनसंख्या और गिरती उपज का एक मात्र हल जैविक खेती

 दुनिया की धरती 60 वर्षों में अनउपजाऊ हो जायेगी अगर किसान रासायनिक खाद का इसी प्रकार प्रयोग करते रहे। इसमें विशेष अंदाजा लगाना कठिन नहीं कि उस समय दुनिया में अनाज की कितनी कमी हो जायेगी और भूखमरी से कितना हा-हा-कार मचेगा। इतना तो अवश्य है कि यूरोप के देश जो इस समय यूरिया आदि का बहुत कम इस्तेमाल कर रहे हैं उनकी धरती संभवतः आज से 100 वर्ष तक उपजाऊ रहे अगर, वह धरती को ठीक उपजाऊ और पौष्टिक पदार्थ देते रहे। सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जौन कराफोल्ड, जो धरती की उपज क्षमता बनाये रखने के विशेषज्ञ हैं, ने चेतावनी दी है कि मनुष्य मात्र को और विशेषकर किसानों को जागरूक होकर इस समस्या का हल करना होगा

लॉकडाउन के कारण गन्ना काटने वाले ढाई लाख प्रवासी मजदूर खेतों में फंसे, अनाज खत्म होने के बाद गहराया भोजन का संकट

लॉकडाउन के कारण गन्ना काटने वाले ढाई लाख प्रवासी मजदूर खेतों में फंसे, अनाज खत्म होने के बाद गहराया भोजन का संकट

लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र के अलग-अलग जगहों से गन्ना काटने वाले प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की सूचनाएं आ रही हैं. विभिन्न श्रम संगठनों का अनुमान है कि यह संख्या ढाई लाख या उससे भी अधिक हो सकती है. सबसे बुरी स्थिति मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र की है. इसका कारण यह है कि यह इलाका ‘सुगर बेल्ट’ के नाम से जाना जाता है और राज्य भर से अधिकतर गन्ना काटने वाले मजदूर इसी इलाके में प्रवास करते हैं. लॉकडाउन के बाद ऐसे कई मजदूरों ने बताया कि वे गन्ना खेतों में ही फंस गए हैं और अनाज खत्म होने के बाद उनके सामने दो जून की रोटी का सवाल खड़ा हो गया है.

उत्तर प्रदेश में 59 करोड़ पौधे लगे फिर भी 100 वर्ग किमी घटी हरियाली

उत्तर प्रदेश में 59 करोड़ पौधे लगे फिर भी 100 वर्ग किमी घटी हरियाली
पर्यावरण संरक्षण को लेकर बीते कई वर्षों की तमाम कवायदों व मंथन के बीच नया साल एक कड़वा सच सामने लेकर आया है। प्रदेश का ट्री कवर (वृक्षावरण) 100 वर्ग किलोमीटर घट गया है। यह परिणाम तब है, जब पिछले 7 साल में 59 करोड़ पौधे रोपे गए। 
 

मतलब साफ है कि या तो सिर्फ कागजों में पौधरोपण हुआ या फिर इन्हें लगाकर लावारिस छोड़ दिया गया। जिम्मेदार लोगों ने इनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए।

रबी फसलों की बुवाई हेतु उन्नत कृषि यंत्र

रबी फसलों की बुवाई हेतु उन्नत कृषि यंत्र
ट्रैक्टर चालित जीरो टिल ड्रिल
इस यंत्र की बनावट ठीक अन्य सीड ड्रिल्स की ही तरह होती है, परन्तु अन्य सीड ड्रिल्स के मुकाबले इसकी कूड़ बनाने वाली फार बहुत पतले एवं छुरी की तरह होते हैं। इस मशीन का उपयोग खासतौर पर उन खेतों में किया जाता है जहां धान की फसल काटने के बाद नमी की अधिकता के कारण जुताई (बखर) नहीं की जा सकती परन्तु जल्दी बुवाई करना बाध्यता रहती है। इस यंत्र से धान के खेत में गेहूं का अन्य फसल की बुवाई बिना किसी जुताई जोखिम के की जा सकती है। इसे एक साधारण सीड ड्रिल की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि न करने का भारत सरकार का फैसला निराशजनक

गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि न करने का भारत सरकार का फैसला निराशजनक

गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि न करने का भारत सरकार का फैसला निराशजनक, किसान की आत्महत्या बढ़ेगी। 2022 तक किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी?

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