आखिर किसान किस पर विश्वास करे ?
Submitted by Aksh on 18 September, 2015 - 09:55आजकल गेहूं, चावल, मक्का, कॉटन आदि अनेक फसलों के ऐसे बीज उपलब्ध हैं जो प्राकृतिक नहीं होते बल्कि प्रयोगशालाओं में तैयार किये जाते हैं. ये बीज Genetically Modified अथवा जी-एम् कहलाते हैं. अप्रैल 3, 2014 एक खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर जवाब देते हुए प्रार्थना की है कि उसे जी-एम् बीजों को खेतों में प्रयोग की अनुमति दी जाए. सन 2004 से यह मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है. जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी ने कहा था कि जी-एम् बीजों के परीक्षण केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित रखे जाएँ.