कृषि प्रधान राज्य उत्तर प्रदेश और पंजाब खेती वरीयता की सूची में पिछड़े

कृषि प्रधान राज्य  उत्तर प्रदेश और पंजाब खेती वरीयता की सूची में पिछड़े

खेती में बाजी मारने वालों की सूची से इस बार उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्यों का नाम गायब है। अपने किसानों की मेहनत के बूते मध्य प्रदेश देश के सभी राज्यों पर भारी पड़ा है। खाद्यान्न की पैदावार में मध्य प्रदेश को पहला पुरस्कार दिया गया है।

वहीं, हरियाणा ने चावल की उत्पादकता में सबको पछाड़ दिया है। राजस्थान ने गेहूं की पैदावार में सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए चयनित राज्यों के नाम की घोषणा मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने की। खाद्यान्न की पैदावार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आठ राज्यों को चुना गया है।

इसमें चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व तिलहन के उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए राज्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस पुरस्कार की शुरुआत की गई है। इसमें एक करोड़ टन से अधिक उत्पादन करने वाले राज्यों की पहली श्रेणी में मध्य प्रदेश को पहला स्थान प्राप्त हुआ है।

वहीं, दस लाख टन से एक करोड़ टन के बीच उत्पादन करने वाली दूसरी श्रेणी में ओडिशा ने बाजी मारी है। इसी तरह तीसरी श्रेणी में उन छोटे राज्यों को रखा गया है, जहां की पैदावार 10 लाख टन से कम उत्पादन रहता है। मगर, उनकी उत्पादकता में कमी नहीं है।

इस वर्ग में मेघालय को पहला पुरस्कार दिया जाएगा। इन तीनों वर्ग में पहला स्थान पाने वाले राज्यों को अलग-अलग पांच करोड़ रुपए की नकद पुरस्कार और ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। इसी तरह चावल की उत्पादकता में हरियाणा के किसानों ने कमाल दिखाते हुए राज्य को पहला स्थान दिलाया है।

गेहूं की उत्पादकता में राजस्थान, दलहन में छत्तीसगढ़, मोटे अनाज में तमिलनाडु और तिलहन की उत्पादकता में पश्चिम बंगाल ने शानदार प्रदर्शन किया है। एकल फसलों की उत्पादकता में प्रदर्शन करने वाले इन राज्यों को पुरस्कृत किया जाएगा। इन प्रत्येक राज्यों को दो करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

कृषि मंत्री सिंह ने बताया कि इन राज्यों को 19 से 21 मार्च तक चलने वाले राष्ट्रीय कृषि मेला-2016 के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। मेले का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। कृषि मेला में देश के विभिन्न हिस्सों से तकरीबन एक लाख किसान हिस्सा लेने पहुंचेंगे।

साभार  नई  दुनिया