कृषि क्षेत्र में और ज्यादा छाएगा संकट

कृषि क्षेत्र में और ज्यादा छाएगा संकट

किसानों के लिए आफत पर आफत ही आ रही हैं एक तरफ किसान पिछले कई वर्षों से घाटे में जाता जा रहा है ऊपर से मौसम की मार किसान की कमर तोड़ देती है यदि फसल ठीक थक कर भी ले तो उसे उचित दाम न मिलनें के कारण परेशान रहता है अभी  नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने आज आगाह किया कि देश के कृषि क्षेत्र का संकट 2016-17 में और गहराएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिंस बाजार असामान्य तरीके से व्यवहार कर रहा है और यदि वैश्विक जिंस कीमतों में गिरावट का रुख जारी रहता है, तो देश का कृषि क्षेत्र और संकट में आ जाएगा। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, जमीन पट्टा नीति में सुधार और आसान बाजार पहुंच की वकालत करते हुए किसानों को अतिरिक्त रूप से कुशल करने के लिए प्रशिक्षण देने पर जोर दिया, जिससे वे कृषि क्षेत्र के बाहर भी रोजगार पा सकें। उन्होंंने यहां कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि फिलहाल बाजार सामान्य तरीके से व्यवहार नहीं कर रहा है। इसकी वजह से कृषि क्षेत्र का संकट गहरा रहा है। 

 

उन्होंने कहा कि भारतीय किसानों को 2005 से 2012 तक वैश्विक स्तर पर बढ़ते खाद्य मूल्य से फायदा हुआ, लेकिन पिछले दो साल में स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से कृषि क्षेत्र काफी गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। हम सूखा देखा है, बेमौसमी बरसात देखरी है। हैरान करने वाली बात है कि उत्पादन कम होने के बावजूद कीमतें निचले स्तर पर हैं। 

 

तालमेल से बढ़ेगा निवेश 

 

सरकार कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने का प्रयास कर रही है और इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने मौजूदा विभिन्न योजनाओं में निकट तालमेल से कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। सिंह ने कहा, 'कृषि क्षेत्र में ऊंची वृद्धि हासिल करने के लिए हम सार्वजनिक और निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है। हम कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए मौजूदा योजनाओं में निकट तालमेल बिठाने का प्रयास कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि ऊंचे निवेश से मूल्य श्रृंखला में शुरुआती और बाद के चरण की सुविधाओं का विकास करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह उत्पादन, प्रसंस्करण तथा विपणन में भी मदद करेगा।  

 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2004-05 से 2012-13 के दौरान कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की वृद्धि दर 11.42 प्रतिशत रही है जबकि इस दौरान निजी निवेश की वृद्धि दर 19.81 प्रतिशत बढ़ा है। तीन दिन के इस सम्मेलन में राज्यों के कृषि मंत्रियों और अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श के बाद उन निवेश गतिविधियों के बारे मेंं सुझाव दिया जाएगा। इसी के अनुरूप केंद्रीय और राज्य स्तर पर योजनाओं को एकीकृत तरीके से डिजाइन किया जाएगा।  सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने इस अवसर पर प्रदेश में जैविक कृषि की कामयाबी की जानकारी दी।