बेमौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

बेमौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

बेमौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

पहले से समस्याओं से जूझ रहे किसानों से प्रकृति भी रूठ सी गई है। गेहूं की फसल बर्बाद होने के सदमे से किसान उबर भी न पाए थे कि एक बार फिर प्रकृति का कोप सहना पड़ा। 16 मार्च, 2016 रात मौसम ने फिर करवट ली, अगले दिन सुबह तो झमाझम बारिश हुई।  इससे उपज से अपनी आर्थिक परेशानियों को दूर करने की उम्मीद पाले बैठे किसानों के अरमानाें पर पानी फिर गया। गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। सरसों, फसल को भी क्षति पहुंची है। 
अचानक मौसम बदल गया, बारिश शुरू हो गई। शनिवार की सुबह  झमाझम बारिश हुई। बारिश के साथ कड़क रही बिजली ने किसानों के होश उड़ा दिए थे। इस दौरान तेज हवा भी चली,  गांवों में तो ओलावृष्टि भी हुई है। करीब दस मिनट तक बारिश के साथ ओले गिरने से गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल जहां बिछ गई है तो तमाम किसानों की सरसों की फलियों पर ओले लगने से दाने झड़ गए। इससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है।, जिससे उनके चेहरे मुरझा गए  । मौसम की मार से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा  दिया जाए

बदलते मौसम की वजह से फसलों पर संकट मंडराने लगा है  फसल बीमा कराने वाले किसानों को क्षतिपूर्ति  के लिए  मौसम के उतार-चढ़ाव के आधार पर नुकसान का आंकलन किया जाए।  खेती के लिए बैंक से कर्ज (किसान क्रेडिट कार्ड) लेने वाले किसानों को फसल बीमा का  उचित मुआवजा  दिया जाए