देश की मिट्टी में कम हुए पोषक तत्व:बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी

पूरे देश भर की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी आ रही है। इससे खेतीबाड़ी में करीब 20 फीसदी तक उत्पादन घट गया है। सोलन के बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के विशेषज्ञों की मिट्टी की जांच में यह खुलासा हुआ है। कृषि के लिए मिट्टी में पाए जाने नाइट्रोजन, पोटाश, सल्फर, जिंक और बोरान में कमी आ गई है। माना जा रहा है कि इससे धरती की उर्वरा शक्ति तो प्रभावित हो ही रही है, फसलों की उत्पादकता पर भी असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो मिट्टी की अच्छी सेहत के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसमें कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन वातावरण और पानी से मिलते हैं।

किसान फटाफट कर लें रबी फसलों की बुआई-सिंचाई

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खरीफ की फसलों को मौसम ने बेहद नुकसान पहुंचाया. फसल कटान के समय बारिश पड़ने पर किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. अब सीजन रबी फसलों की बुवाई का चल रहा है. आजकल मौसम नरम चल रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, 4 से 5 दिन मौसम सापफ रहेगा. उत्तर भारत के कई राज्यों में दिन में तापमान 26 डिग्री सेल्सियस, रात में 15 से 18 डिग्री सेल्सियस रह रहा है. मौसमी आद्रता भी सुबह में करीब 80 प्रतिशत और दोपहर में लगभग 50 प्रतिशत बनी हुई है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का कहना है कि फसलों की बुवाई और सिंचाई के लिए मुफीद मौसम है. 

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परवल (सब्जी) की उन्नत फसल

परवल सब्जी की फसलो में आता है, इसकी खेती बहुवर्षीय की जाती हैI इसे ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में उगाया जाता हैI लेकिन असम, ओडिसा, मध्य प्रदेश , महाराष्ट्रा एवं गुजरात के कुछ भागो में इसकी खेती की जाती हैI इसके साथ ही बिहार की दियार भूमि तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के रैनफेड क्षेत्र में अत्याधिक खेती की जाती हैI इसमे विटामिन ए एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैI
जलवायु 
परवल को गर्म और आर्द्र जल वायु कि आवश्यकता होती है औसत वार्षिक वर्षा 100-150 से.मी,तक होती है ।

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