खेती-किसानी में बदलाव लाएगा वर्मी कंपोस्ट

खेती-किसानी में बदलाव लाएगा वर्मी कंपोस्ट

स्वच्छतामिशन के इस दौर में कूड़े-कचरे से बन रही जैविक खाद की डिमांड लगातार बढ़ रही है। यह जैविक खाद खेती-किसानी में काफी बदलाव लाएगा। ऐसे में जिले के किसान अब अपने स्तर पर फसलों और बाग-बगीचों से तना-पत्ती एकत्रित करने के साथ कचरे के साथ गोबर मिलाकर इसमें छोड़े गए केंचुए से वर्मी-कंपोस्ट तैयार करने लगे हैं। इसके अलावा स्कूल, आश्रम, फार्म हाउस, खेत-खलिहानों तथा कृषि विज्ञान केंद्र में भी वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाने लगा है। 

खराब मौसम की जानकारी अब SMS द्वारा मिलेगी किसानों को

सरकार ने 19 जून  मुफ्त एसएमएस सेवा ‘नाउकास्ट’ शुरू की है. इस सेवा के जरिये एक करोड़ से अधिक पंजीकृत किसानों को ओलावृष्टि जैसी खराब मौसम की स्थिति के बारे में प्रत्येक तीन घंटे में एसएमएस के जरिये उनके मोबाइल पर अलर्ट मिलेगा.

इसके अलावा एक वेब पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिसका मकसद किसानों को जागरूक करना और उन्हें मौजूदा योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करना है. हालांकि, यह वेब पोर्टल अंग्रेजी में शुरू किया गया है.

लोबिया है लाभ की खेती

लोबिया है लाभ की खेती

हाल की बारिश से मिली नमी के सहारे किसान खाली खेतों में लोबिया की बुआई कर सकते हैं। सब्जी, चारा और हरी खाद के गुण के नाते यह बहुपयोगी फसल है। पोषक तत्वों (प्रोटीन, शर्करा, विटामिन एवं खनिज) से भरपूर होना और कम समय में तुड़ाई के लिए तैयार होना इसकी खूबी को और बढ़ा देता है। बलुई दोमट जमीन जिसमें पानी लगता है उसमें किसान इसकी खेती कर सकते हैं।

सूखे से देश में गरीबी का संकट गहराने का खतरा

सूखे से देश में गरीबी का संकट गहराने का खतरा

देश के ग्रामीण इलाकों के लाखों लोगों को गरीबी से निकालने और राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के प्रधानमंत्री मोदी के मिशन पर सूखा पानी फेर सकता है। एक दशक में पहली बार इस वित्त वर्ष में भारत के कृषि सेक्टर में भारी गिरावट आने की संभावना है।

एक अनुमान के अनुसार भारत के कई हिस्से सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहते हैं लेकिन इस साल सिर्फ 88 फीसदी बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है जिससे किसानों को सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

किसान पहले ही इस साल के शुरू में बेमौसम बारिश का शिकार हो चुके हैं और साल के अंत में बारिश कम होने के कारण नुकसान की स्थिति में रहेंगे।

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