भारत में गोमूत्र से विकसित कीटनाशक को अमेरिकी पेटेंट

अहमदाबाद। भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा गोमूत्र से विकसित कीटनाशक अमेरिकी पेटेंट हासिल करने में सफल रहा है। कामधेनु कीटनियंत्रक नामक इस दवा से सभी तरह के फसलों को कीटों से बचाया जा सकेगा।नागपुर स्थित गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र [जीवीएके] ने इस नए कीटनाशक का ईजाद किया है।

उर्वरकों के अविवेकपूर्ण उपयोग से मिट्टी के बहुपोषक तत्व में आ सकती है कमी

उर्वरकों के अविवेकपूर्ण उपयोग से मिट्टी के बहुपोषक तत्व में आ सकती है कमी

उर्वरकों के अविवेकपूर्ण और असंतुलित उपयोग और जैविक सामग्रियों के वर्षों तक कम उपयोग करने से मृदा स्वास्थ्य की बहुपोषक तत्व में कमी और क्षरण हो सकते हैं। उर्वरकों के अविवेकपूर्ण उपयोग के संबंध में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल दीर्घ आवधिक उर्वरक प्रयोग पर अखिल भारतीय समन्वित अनुरक्षण परियोजना (एआईसीआरपी) कार्यान्वित कर रहा है। यह प्रमुख फसलन प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न मृदा प्रकारों (निर्धारित स्थानों) में मृदा उर्वरता की निगरानी करता है। उन्होंने बताया कि कुछ दशकों के जांच दर्शाते हैं कि अकेले नाइट्रोजीनियस

खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखे

खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखे

खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखकर लाखों-करोड़ों जीवों की हिंसा के पाप से बचा जा सकता है। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां पर किसानों के बड़े वर्ग की आय का जरिया कृषि उपज ही है। पेट की अग्नि को अन्न के बिना शांत किया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में प्रकृति की मार ने सभी को लाचार कर रखा है। इससे किसान वर्ग भी अछूता नहीं है। यह विचार बुधवार को दिगंबर जैन नन्हें मंदिर में आयोजित मंगल प्रवचनों के दौरान आचार्य विभव सागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं का लगातार आना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं प्राकृतिक नियमों के विपरीत कार्य किया जा रहा है। खेतों में कीटनाशक के उपयोग तथा

रबी की फसलों के लिए पानी की कमी

फसलों के लिए पानी की कमी

तेज गर्मी के कारण प्रदेश के बांधों में घटते जल स्तर को लेकर गर्मी में धान की फसल लेने वाले किसान चिंतित हो गए है। प्रदेश के कई इलाकों में किसानों की ओर से पानी बढ़ाने की मांग की जा रही है, वहीं जल संसाधन विभाग ने बांधों में घटती पानी की मात्रता को देखते हुए पानी की सप्लाई सीमित कर दी है।

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