जैविक कृषि का अर्थ है पंचतत्वों से संतुलन बनाकर चलना

जैविक कृषि का अर्थ है पंचतत्वों से संतुलन बनाकर चलना

विद्वानों का मानना है कि सम्पूर्ण सृष्टि पंचतत्वों से बनी है। पंचतत्व यानि धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश। मानव हो या पशु−पक्षी या फिर पेड़−पौधे, सबमें इन पंचतत्वों का वास है। किसी में कोई एक तत्व प्रधान है, तो किसी में कोई दूसरा। जैसे मछली के लिए जल तत्व प्रधान है, तो पेड़−पौधों के लिए धरती। इसके बिना वे जीवित नहीं रह सकते। मानव भी वायु के बिना कुछ मिनट, जल के बिना कुछ दिन, अन्न के बिना कुछ महीने, अग्नि अर्थात ऊर्जा और आकाश अर्थात खालीपन के बिना भी कुछ दिन ही चल सकता है, पर इसके बाद उसे भी यह संसार छोड़ना पड़ता है।

कैलेण्डर वर्ष 2023 की शुरुआत पर किसान हैल्प परिवार ने दी शुभकामनाएं

कैलेण्डर वर्ष 2023  की शुरुआत पर किसान हैल्प परिवार ने दी शुभकामनाएं

kisanhelp परिवार नें  सभी देश वासियों  को कैलेण्डर वर्ष 2023 नववर्ष की हार्दिक शुभकामना दी है. उन्होंने कामना की है कि नव वर्ष सभी देश वासियों के लिये मंगलमय हो. देश में शांति सौहार्द और भाईचारे का वातावरण रहे.साथ ही ईश्वर से यह कामना कि यहकैलेण्डर वर्ष 2023  किसान भाइयों के लिए उन्नति एवं सम्पन्नता लाए  

सहफसली खेती से सुधरेगी मिट्टी की सेहत

सहफसली खेती से सुधर रही मिट्टी की सेहत
मिट्टी की उर्वरा शक्ति  और उत्पादन में चोली-दामन का संबंध है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति के अनुसार ही उसकी उत्पादन क्षमता प्रभवित होती है। अगर खेतों में सहफसली कृषि की जाए तो मिट्टी की सेहत के साथ-साथ उत्पादन भी बेहतर हो जाता है।

मिर्च की खेती किसानों के लिए उत्तम

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मिर्च भारत के अनेक राज्यों में पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में फल के लिए उगायी जाती है.  मिचरें में तीखापन या तेज़ी ओलियोरेजिल कैप्सिसिन नामक एक उड़नशील एल्केलॉइड के कारण तथा उग्रता कैप्साइिसन नामक एक रवेदार उग्र पदार्थ के कारण होती है.  देश में मिर्च का प्रयोग हरी मिर्च की तरह एवं मसाले के रूप में किया जाता है.  इसे सब्जियों और चटनियों में डाला जाता है. मिर्च के सुखाए हुए फलों में 0.16 से 0.39 प्रतिशत तक था सूखे बीजों में 26.1 प्रतिशत तेल पाया जाता है.  बाजार में आमतौर पर मिलने वाली मिचरे में कैप्सीसिन की केवल 0.1 प्रतिशत मात्र पायी जाती है. मिर्च में अनेक औषधीय गुण भी होते हैं.

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