बकरी में लगने वाले रोगों की पहचान एवं उपचार

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बकरी में लगने वाले रोगों  की पहचान एवं उपचार

फड़किया रोग- इस रोग से ग्रसित बकरियां अचानक सुस्त तथा कमजोर हो जाती हैं। उनका पेट फूल जाता हैं। और वे बेचैन होकर उनके शरीर में कंपन होते हैं वह फड़कने लगती है अत: इस रोग का नाम फड़किया रखा गया हैं। उन्हें बुखार होता हैं तथा उनको पेटदर्द होने से वह पैर पटकती रहती हैं। धीरे-धीरे वह सुस्त होकर उसकी मृत्यु हो जाती हैं। यह रोग इतनी तेजी से फैलता हैं कि इलाज के लिए वक्त नहीं मिलता और कई बकरियों की मृत्यु हो जाती हैं। टीकाकरण करना यही इस रोग का इलाज हैं।

भारत और इजरायल संबंधों से कृषि क्षेत्र में भारत को मिलेगी एक नयी ऊंचाई : राधा मोहन

भारत और इजरायल संबंधों से कृषि क्षेत्र में भारत को मिलेगी एक नयी ऊंचाई

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह और इजरायल के कृषि एंव ग्रामीण विकास मंत्री एम. के. यूरी एरियल के बीच आज नयी दिल्ली में हुई जिससे बातचीत से भारत और इजरायल संबंधों को एक नयी ऊंचाई मिली है। कृषि मंत्री ने कहा कि इजरायल के कृषि विशेषज्ञों के अनुभव से भारत को काफी लाभ हुआ है। मई, 2006 में इजरायल में दोनों देशों के बीच भारत. इजरायल कार्य योजना पर हस्ताक्षर हुआ था। इसके बाद फिर 2008 में भारत में कार्य- योजना पर सहमति बनी थी और पहली बार 2008-10 कार्य दृ योजना के तहत महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में संयुक्त प्रयास शुरू किए गये थे।

विश्व बैंक ने जारी की महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजना

विश्व बैंक ने जारी की महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजना

 विश्‍व बैंक ने एक महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजना शुरू की है, जो विकासशील देशों को 30 गीगावॉट नवीकरणीय उर्जा बढाने में, 10 करोड लोगों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणालियां लाने में और कम से कम 40 देशों के लिए जलवायु के लिहाज से बेहतर छोटी कृषि निवेश योजनाएं विकसित करने में मदद करेगी।
जलवायु परिवर्तन कार्य योजना की जानकारी जारी करते हुए अधिकारियों ने कहा कि विश्‍व बैंक ने इस उद्देश्य को वर्ष 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना से दो सप्ताह पहले ही वैश्‍विक नेताओं ने न्यू यार्क में ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर किए हैं।

किसानों की बेहतरी के लिए मिलकर काम करें सार्क देश: राधामोहन

किसानों की बेहतरी के लिए मिलकर काम करें सार्क देश: राधामोहन

भारत ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर दक्षिण एशिया को सबसे संवेदनशील क्षेत्र बताया है। उसने कृषि क्षेत्र में इस प्रभाव से निपटने के लिए सार्क देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया है।

सार्क देशों के कृषि मंत्रियों के तीसरे सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक घटना है। इससे बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र आर्थिक असमानता और अस्थिरता का सामना कर रहा है।

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