अरहर की फसल में कीट प्रबंधन
अरहर की फसल खेतों में तैयार हो रही है। ऐसे में किसानों को अच्छी पैदावार मिल सके इसके लिए यह बेहद ज़रूरी है अरहर को इस स्थिति में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचा लिया जाए। आइए जानते हैं कि कैसे इन कीटों से अपनी फसल को बचाया जा सकता है।
अरहर फसल की प्रमुख कीटें
पत्ती मोड़क एवं फली भेदक कीट अरहर की कोमल तनों एवं पत्तियों को खाती हैं। बाद में फूलों तथा फलियों को नुकसान पहुचाती हैं। ये कीट फली में छेद करके बीज को खराब कर देती है। यह कीट पत्तियां खाती हैं अरहर की फली अवस्था में यह कीट ज्यादा होती है। अरहर का खेती में इन कीटों का प्रकोप ज्यादा होता है।
कीट नियंत्रण
इन कीटों के नियंत्रण व इनकी पैदावार रोकने के लिए रायबरेली जिले के नगदिलपुर गाँव के किसान राम भरन बताते हैं, ”अरहर का पौधा बहुत कोमल होता है, इसकी फलियों में कीट जल्दी लगते हैं जो धीरे-धीरे पूरे पौधे नष्ट कर देते हैं।
इसके नियंत्रण के लिए 500 मिली. क्लोरोपाइरीफास दवा का मिश्रण 150 लीटर पानी में बनाकर इस घोल को खेत के दस बिस्वे में छिड़काव करना चाहिए।”
ज़रूरी बात
1. बीज शोधन आवश्यक रूप से किया जाए।
2. सिगिंल सुपर फास्फेट का फास्फोरस एवं गन्धक का उपयोग किया जाना चाहिए।
3. समय से बुवाई की जाए।
4. फली बेधक एवं फली मक्खी का नियंत्रण आवश्यक है।
5. मेड़ों पर बुवाई करनी चाहिए।