बादाम की खेती
बादाम हालांकि एक मेवा होता है, किन्तु तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज होता है। बादाम का पेड़ एक मध्यम आकार का पेड़ होता है और जिसमें गुलाबी और सफेद रंग के सुगंधित फूल लगते हैं। ये पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौड़े और मुलायम होते हैं। इसके फल के अन्दर की मिंगी को बादाम कहते हैं। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, मक्का, मदीना, मस्कट, शीराज आदि स्थानों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसके फल वानस्पतिक रूप से अष्ठिफल के रूप में जाने जाते हैं और उनमें एक बाह्य छिलका होता है तथा एक कठोर छाल के साथ अंदर एक बीज होता है। आमतौर पर बादाम बिना छिलके के ही मिलता है। इसका बीज निकालने के लिए छिलके को अलग करना होता हैबादाम एक गुलाब वर्गीय एक ऐसा पेड़ है जिसका फल दिखने में आडू की तरह का होता है बादाम के पेड़ में हल्के गुलाबी और सफेद रंग के सुगंधित फूल लगते हैं। बादाम के पेड़ का तना मोटा होते हैं। एवंम इसके पत्ते लम्बे, चौड़े और मुलायम होते हैं।
बादाम की खेती कहाँ होती है
बादाम की खेती प्राय: ठन्डे क्षेत्रो में की जाती है जिसे बीज के द्वारा भी लगाया जा सकता है दुनियाभर में अमेरिका बादाम का सबसे बड़ा निर्यातक देश है जहा का कैलोफोर्निया बादाम दुनियाभर में खाया जाता है जो की आकार में भारतीय बादाम से बड़ा होता है
इसके अलावा बादाम की खेती स्पेन, इटली, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, मोरक्को, पुर्तगाल, तुर्की, फ्रांस, अल्जीरिया, अफगानिस्तान और पर्सिया जैसे देशों में भी बादाम की खेती की जा सकती है
भारत में बादाम की खेती की बात जाये तो ये कश्मीर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड जैसे ठन्डे क्षेत्रो और चीन की सीमा से लगे तिब्बत, लाहौल एवं किन्नोर जिले आदि में की जाती है
बादाम के प्रकार
बाजार में कई प्रकार की बादाम मिलतीहै जिसमे मामरा , केलिफोर्निया या अमरीकन बादाम तथा छोटी गिरी मुख्य हैं। मीठी बादाम ही खाने में काम आती है। कड़वी बादाम का तेल निकाला जाता है
मामरा बादाम
मामरा बादाम और केलिफोर्निया बादाम में क्या फर्क होता है
मामरा बादाम और केलिफोर्निया बादाम में अंतर की बात करे तो जहा मामरा अफगानिस्तान में पैदा होता है एवंम इसका उत्पादन अपेक्षाकृत कम होता है। वही अमरीकन बादाम केलिफोर्निया में पैदा होता है और इसका उत्पादन अत्यधिक मात्रा में होता है। इसका कारण वैज्ञानिक तरीके से खेती करना है।
बादाम की उन्नत किस्में
केलिफोर्निया पेपर सेल, नान पेरिल, ड्रेक, थिनरोल्ड, आई.एक्स.एल., नीप्लस अल्ट्रा, मुख्य रूप से बादाम की किस्मे है
आप भी बादाम के प्लांट आसानी से उगा सकते हो | जुलाई के समय बादाम के प्लांट को आपने बगीचे में लगा सकते है
बादाम खेती के लिए आवश्यक जलवायु
बादाम की खेतीं के लिए जलवायु की बात की जाये तो इसके लिए , गर्मियों में तापमान में 30 से 35 डिग्री सेल्सियस पौधे की वृद्धि और गिरी भरने के लिए आवश्यक है एवमं सर्दियों में 2.2 डिग्री सेल्सियस तक का सामना करना पड़ेगा, लेकिन पत्ती के गिरने के अवस्था में फूल 0.50 डिग्री सेल्सियस से -11 डिग्री सेल्सियस में क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। फूल जब छोटे होते है तब वे 2.2 डिग्री सेल्सियस से 3.3 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान का सामना कर सकते हैं, लेकिन अगर कम तापमान निरंतर लंबे समय तक बने रहने पर ये फसल को आसानी से नुकसान पंहुचा सकता हैं
बादाम कैसे उगायें ?
आप अपने बगीचें में बादाम का पौधा दो तरीके से उगा सकते है।
▪ स्वयं बादाम का बीज उगाकर
▪नर्सरी से बादाम का पौधा खरीद कर।
बादाम खाना जितना आसान है उतना ही कठिन इसे उगाना है।बादाम ठण्ठे मौसम में उगाया जाता है।अगर आप गर्म क्षैत्र में रहते है तो फिर आप इसे केवल सर्दियों में ही उगा सकेगें।11 से 20 डिग्री मौसम इसके लिये सर्वोत्तम है।बादाम उगाने में कुछ सावधानियां रखनी होती है।
बीज से बादाम उगाने का तरीका।
▪बीज से बादाम उगाने के लिए बहुत धैर्य की जरूरत होती है । हमारे पास बादाम के उच्च क्वालिटी के स्वस्थ बीज होने चाहिए ।ध्यान रखें बादाम का अंकुरण प्रतिशत कम होता है ।तो आप कम से कम 15 से 20 बीज एक बार में उगाने की कोशिश करें।
▪ बादाम के स्वस्थ बीजोंको हम टिशू पेपर में रख कर पानी से भिगो दिया जाता है। इस टिश्यू पेपर में रखे बीजों को आप किसी ऐसी जगह रखें जहां लगातार 15 से 20 डिग्री का तापमान बना रहे। सर्दियों के समय आप इसे किसी भी जगह रख सकते हैं । मौसम गर्म होने पर फ्रिज की सहायता से यह काम किया जा सकता है। 20 दिन बाद बादाम के बीजों में अंकुरण शुरू होता है ।एक बार अंकुरण शुरू हो जाने पर आप बादाम के बीजों को सावधानी से टिशू पेपर से अलग करें । उसके बाद बादाम के अंकुरित बीजों को कोकोपीट में लगा दें । धीरे -धीरे 40 दिन बाद बादाम का अंकुरण छोटे पौधे का रूप ले लेता है। आपको इस समय बादाम को ज्यादा पानी नही देना और गर्मी से बचाकर रखना है
बादाम को हम रोपण करने से पहले, लगभग 3 फुट लम्बाई x 3 फीट चोडा x 3 फीट गहरा गड्ढे में सितंबर से अक्टूबर के महीने के दौरान पक्तियों में पौधे की पौधे से दुरी करीब 5 मीटर रखकर लगाना चाहिए बादाम के पौधों को फरवरी से मार्च तक गड्ढे के केंद्र में लगाया जाना चाहिए,
बादाम 3 से 4 साल में फल देना शुरू कर देता है जो की पूरी तरह से फल देने लायक 6 साल में हो जाता है एक बादाम के पेड़ से इस तरह 50 साल तक बादाम के पेड़ से फल प्राप्त किये जा सकते है।
इस प्रकार बादाम को पौधा तैयार हो जाता है।तीन महीने बाद आप इन पौधों को जमीन में लगा सकते है।
बादाम खाने के नुकसान और फायदे :-
बादाम भारतीयों की सबसे पसंदीदा गिरी है और खास मेवा है । यह सभी गिरियों में ज्यादा पोषक एवं औषधीय गुणयुक्त है। इसकी गिरी से महत्तवपूर्ण तेल बादाम रोगन प्राप्त होता है। जब गिरी पक जाती है तब तुड़ाई की जाती है। बादाम गिरी ऊर्जा का बहुत अच्छा स्रोत है। 100 ग्राम ताजी गिरी में 598 कैलोरी ऊर्जा, 19 ग्राम प्रोटीन, 59 ग्राम वसा तथा 21 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है गुणों से भरपूर बादाम का बहुत आधिक मात्रा में सेवन करना हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होता है