धान की फसल

बारिश न होने से यूपी में धान की फसल को भारी नुकसान

धान की फसल को भारी नुकसान

पहले गेंहू की फसल पर मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी। वहीं अब धान की फसल से आस लगाये बैठे किसानों के मांथे पर सूखे की आहट ने चिंता की लकीरें खींच दी हैं। सितंबर माह के शुरूआती दिनों में यूपी के ज्यादातर इलाकों में बारिश न के बराबर हुयी है। अगर ऐसा आगे भी जारी रहा तो गेहूं की तरह धान की फसल भी किसानों की जान लेने के लिए तैयार है।
 

पानी की कमी रही तो नहीं फूटेंगे कंसे

पानी की कमी रही तो नहीं फूटेंगे कंसे

रिमझिम रिमझिम बरसा सावन यह गीत इस वर्ष गलत हो रहा है किसानों का सावन वरिश से नहीं आँखों से आंसू बन कर बरस रहा है किसानों की किस्मत पर तो मानों की ओलें पड़ गएँ हो मुसीबतें तो थमने का नाम ही नही ले रही है धान की फसल पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। जानकारों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो खाद डालने के बावजूद धान में कंसे नहीं फूटेंगे। जहां फूटेंगे भी तो काफी कमजोर रहेंगे।सितंबर का महीना धान की फसल के लिए कंसा फूटने का समय होता है। इसी समय धान के पौधों से बालियों के लिए कंसे फूटते हैं। किसान इसे आम बोलचाल में धान का पोटराना यानि गर्भावस्था का समय कहते हैं। इस समय खेत