किसान आज भी गुलाम
Submitted by Aksh on 13 December, 2015 - 11:08प्रथम विश्व युद्ध के समय केन नामक पाश्चात्य अर्थशास्त्री ने विकास की नई अवधारणा प्रस्तुत की जिसके अनुसार, कृषि को अर्थव्यवस्था के मूलाधार होने को नकारते हुए उद्योगों के आधार पर नई विश्व अर्थव्यवस्था को महत्व दिया गया। कारण कि प्रथम विश्व युद्ध में इंग्लैण्ड की माली हालात काफी पतली हो चुकी थी ऐसे में इस अवधारणा या सिध्दांत पर इंग्लैण्ड ने अमल करना प्रारंभ किया। प्रथम विश्व युद्ध के बाद इंग्लैण्ड ने अपने कब्जे वाले देशों के प्राकृतिक संसाधनों के बूते पर केन की इस अवधारणा को अमलीजामा पहनाना प्रारंभ कर दिया। भारत जैसे कई देशों से विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल मनमाने मूल्य पर खरीदा गया और इं