किसानों की बेहतरी के लिए मिलकर काम करें सार्क देश: राधामोहन
भारत ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर दक्षिण एशिया को सबसे संवेदनशील क्षेत्र बताया है। उसने कृषि क्षेत्र में इस प्रभाव से निपटने के लिए सार्क देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया है।
सार्क देशों के कृषि मंत्रियों के तीसरे सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वास्तविक घटना है। इससे बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र आर्थिक असमानता और अस्थिरता का सामना कर रहा है।
ऐसे में किसानों और कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए जलवायु देशों को मिलकर काम करना चाहिए। हमें फसलों और पशुओं को प्रभावित करने वाले कीटों और बीमारियों को मिलकर पता लगाना चाहिए। भारत में हरित क्रांति की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि कृषि उपज में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब भी बहुत सारी चुनौतियां हैं। ये चुनौतियां हैं- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, कीटों एवं बीमारियों का बढ़ना, भूजल स्तर का नीचे गिरना और अन्य।
कृषि मंत्री ने किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीक, उत्पाद, तरीके और अन्य जानकारियां देने के लिए सार्क देशों में उत्तम संचार नेटवर्क तैयार करने करने पर जोर दिया। ताकि आने वाले समय में किसान पर्यावरण अनुकूल कृषि में सक्षम हो सकें। उन्होंने सार्क देशों में आपसी सहयोग के जरिये कृषि संबंधी शोध और विकास करने का भी पक्ष लिया