बाजार पर निर्भरता ख़त्म होने पर ही किसानों विकास

बाजार पर निर्भरता ख़त्म होने पर ही किसानों विकास

विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र देश के सबसे मजबूत स्तम्भ किसानों के लिए यह बजट लाभकारी हो सकता है देश में किसानो का विकास अगर हो पाया तभी देश का समुचित विकास हो पायेगा इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारी वर्तमान सरकार नें जो भी बजट बनाया है वह स्वागत के योग्य है माननीय प्रधानमंत्री जी नें देश में किसानों के लिए कुछ किया है परंतु वह अधूरा है

या तो मौज अमीरी में या तो मौज गरीबी में यह कहावत है  किसान वर्ग तो मौज कर रहा है गरीबी की मौज पता नही किसान के बच्चे अपने किसान पिता को कब खो बैठें देश के किसानों के लिए न तो आज तक कुछ मिला है नहीं कभी मिलेगा दुःख तो यह है कि देश की सबसे मजबूत स्तम्भ किसान जो देश अर्थव्यवस्था में 70% भागेदारी रखते हैं उन्हें कुछ नहीं मिलता उनकी दुर्दशा पर कोई भी सरकार ध्यान नहीं देती उन्हें मिलता है सिर्फ जिलासा सिर्फ जिलासा

आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस की सरकारें बनीं सभी बर्गों नें समुचित विकास किया देश में घुटनों के बल चलते हुए आगे बड़ा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजरा देश के बुरे हालत के साथ हमने समझौता कर लिए चलो कोई बात नही देश की संपत्तियों का बन्दर बाँट हुआ नेता अभिनेता व्यापारी औधोगिक परिवारों में सभी में खूब बांटा गया तो भी हम किसानों को मिला सिर्फ जिलासा सिर्फ जिलासा

देश का हर बजट आज तक अमीरों के लिए उद्योग-पतियों के लिए आया या फिर नौकर शाही के लिए हम किसान फिर भी चुप चाप बैठे रहे देश में फिर बजट आया पहली बार किसानों के लिए वित्त मंत्री 35 मिनट तक किसानों के लिए बोले किसानों की चर्चा की किसानों के लिए मनलुभाबन घोषणा भी की गयी हम किसानो के साथ फिर से छलावा हुआ यह सत्य है कि देश का पहला बजट है जिसमें किसानों के लिए इतना कुछ किया गया है

वर्तमान सरकार नें अपनी छवि बदलने के लिए अच्छे कदम उठाये है मोदी सरकार ने देश को आगे ले जाने की दिशा में सभी अच्छे कार्य किये है देश को आज अन्तर्राष्ट्रीय पहचान भी दिलाई है मोदी सरकार के कार्यों की मैं सरहना करता हूँ देश जब विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है तो बड़ी ही सूजबूझ के साथ देश चलाना एक शुद्ध राजनीतिक गुण होता हैं परन्तु किसानों के मुद्दे पर अभी तक प्रधानमंत्री जी और उनकी टीम पर्याप्त कार्य नही कर पाए है जिसकी उनसे उपेक्षा थी आज भी किसान आत्म हत्या करने किये मजबूर है किसानों को उनकी फसलों के बाजिब दाम नही मिल रहे है किसान ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है और किसी चमत्कार की प्रतीक्षा कर रहा है शायद कभी कोई चमत्कार हो और किसान भी समर्द्ध बन सके

आज तक के सभी बजटों के की तुलना में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ बजट है यदि यह स्पष्ट हो तो और अच्छा होगा यदि इस बजट का आधा भी क्रियान्वित हो गया तो किसानों का उद्धार हो जायेगा

देश के किसानों के का विकास तभी हो सकेगा  जब  किसान अपनी खरीद की मार्केट से निर्भरता ख़त्म कर ले तो किसान अपनी लागतों पर लगाम लगा सकता है बाजार पर निर्भरता ख़त्म होते ही किसानों का मुनाफा बढेगा  और किसानो के उत्पादन की कीमत उसकी लागत के अनुपात में मिलेगी

माननीय प्रधानमंत्री जी से मैं तो अनुरोध करूगां कि किसानों की फसलों का मूल्य तय करने वाली जो समिति है उसमे किसानों को बराबर का आरक्षण मिले तब यह बजट देश का नही बल्कि पूरी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बजट होगा

 यह kisanhelp के संरक्षक राधा कान्त जी के विचार हैं