चने और मटर फसल चट कर रही इल्ली

चने और मटर फसल चट कर रही इल्ली

चने और मटर फसल चट कर रही इल्ली
मौसम में नमी की मार चना और मटर पर पड़ रही है। 11 डिग्री सेल्सियस तापमान और 70 फीसदी तक नमी ने दोनों फसलों को बीमार कर दिया है। चना पर इल्ली तो मटर पर फलीछेदक और झुलसा का असर दिखने लगा है। फसलों पर फलियां लगती देख किसान कीटनाशक के प्रयोग को लेकर दुविधा में हैं। 

 किसानों को  खेत में रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर पर्णकुंचित पौधे को उखाड़कर गड्डे में डालकर मिट्टी से ढंक दे।

सीवीड खाद (समुद्री शैवाल) : फसल के लिए एक बेहतरीन हरी खाद

समुद्री खरपतवार (Seaweed), समुद्र की गहराई में स्थित शैवाल (एल्गी) हैं। समुद्र में हजारों किस्म की शैवाल (Algae) पायी जाती हैं इन्हीं शैवालों में कई छोटी मछलियाँ अपना बसेरा भी बना लेती हैं। जैसा कि इसके नाम से ही प्रतीत होता है सी-वीड यानि समुद्र के अंदर उगने वाली घास। इन्हीं Algae और Seaweed में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों के लिए बेहद लाभादायक होते हैं। इन्हें सुखाकर उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसे सीवीड फर्टिलाइजर कहा जाता है।

क्या है सीवीड खाद?

3.6 अरब लोगों पर पानी का संकट,भारत भी प्रभावित: विश्व मौसम विज्ञान संगठन

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने अपनी स्टेट ऑफ ग्लोबल वाटर रिसोर्सेज 2021 रिपोर्ट में कहा है कि वर्तमान में लगभग 3.6 अरब लोगों को प्रति वर्ष कम से कम एक महीने, पानी की अपर्याप्त पहुंच का सामना करना पड़ता है। यह आंकड़ा 2050 तक बढ़कर 5 अरब से अधिक होने का अनुमान है। मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट में पृथ्वी के जल संसाधनों पर जलवायु, पर्यावरण और सामाजिक परिवर्तन के प्रभावों का आकलन किया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसका उद्देश्य बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के युग में वैश्विक मीठे पानी के संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन को बढ़ावा देना है 

पूरे देश की आधारशिला है किसान :- डॉ.आर.के.सिंह

किसान दिवस  पूरा देश की आधारशिला है किसान

किसान हेल्प और लाईवा फाउंडेशन ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस 23 दिसम्बर को  किसान  दिवस के रुप में मनाया ।  23 दिसम्बर को पूरे देश में किसान दिवस के अवसर पर किसान हैल्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लाईवा फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ आर.के .सिंह कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में 70% भागीदारी रखने वाला किसान आज़ादी से लेकर आजतक उपेक्षित रहा है किसानों को दुवारा

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