मधुमक्खी पालन के लिए सबसे अच्छे फूल कौन से हैं

 मधुमक्खी पालन के लिए सबसे अच्छे फूल कौन से हैं

मधुमक्खियां फूलों का रस चूसकर शहद बनाती हैं. मधुमक्खियां फूलों से रस और परागकण लेती हैं, रस यानि अमृत फूलों की गहराई में स्थित होता है. और पराग (पीले रंग की धूल) जो फूलों के ऊपर बिखरी रहती है, वह पुंकेसर के पास स्थित होती है. मधुमक्खियां इस रस को पेट में रखकर वापस छत्ते पर आती हैं, वह इस रस को चबाने वाली मधुमक्खियों को देती हैं. वह मधुमक्खियां इस रस को चबाती हैं. इसी दौरान उनके एंजाइम रस को ऐसे पदार्थ में बदल देते हैं, जिसमें पानी के साथ शहद शामिल होता है. इसके बाद मधुमक्खियां पदार्थ को मधुकोषों में डाल देती हैं, जिससे पानी वाष्पीकृत हो जाता है और शहद रह जाता है.

अंगूर की खेती

बागवानी फसलों में अंगूर की खेती का भी एक प्रमुख स्थान है. किसान अंगूर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे में आधुनिक खेती से अंगूर की फसल उगाकर अच्छी कमाई कर सकते है.

भूमि और जलवायु 

अंगूर की खेती करने के लिए जल निकास वाली रेतीली, दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है. अधिक चिकनी मिट्टी खेती के लिए ठीक नहीं मानी जाती है. खेती के लिए गर्म, शुष्क और दीर्घ ग्रीष्म ऋतु अनुकूल रहती है. अंगूर के पकते समय बारिश या बादल का होना बहुत ही हानिकारक होता है. इसकी वजह से दाने फट जाते हैं और फलों की गुणवत्ता पर बहुत बुरा असर पड़ता है. 

अंगूर की बेलों की रोपाई

पाला कर सकता है फसलों को बर्बाद

पाला कर सकता है फसलों को बर्बाद

देश के अलग अलग राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल समेत कई राज्य भयंकर ठंडी की चपेट में हैं. पाला अधिक पड़ने से हाथ-पैरों में गलन शुरू हो गई है. देश के कई हिस्सों में रबी सीजन की फसलों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी हैं. ऐसे में पाले से इस फसल की पैदावार पर संकट हो गया है. मौसम और एग्रीकल्चर एक्सपर्ट ने फसल को ठंड से बचाव करने की सलाह दी है. 

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से बढ़ेगी ठंड

कार्बनिक खेती को किसानों को करें जागरूक

कार्बनिक खेती

वर्तमान में करीब 12.5% भूमि बंजर पड़ी हुई है। रासायनिकों कीटनाशक व उर्वरकों से इस बेकार होती भूमि का क्षेत्रफल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कृषकों को लाभ के बजाय लगातार हानि उठानी पड़ रही है। स्थिति यह है कि बीते एक दशक से देश भर के लाखों किसान मौत को गले लगा चुके हैं। देश की कृषि व्यवस्था को दीर्घकाल के लिए बेहतर बनाए रखने के लिए जैविक खेती का मार्ग ही सही रहेगा। जैविक कृषि प्राचीन एवं नवीन कृषि तकनीकों का समागम है, जिसके अंतर्गत कृषि व प्रकृति के बीच संतुलन बना रहता है और कृषि बिना पर्यावरणीय विनाश के फल-फूल सकती है। मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यंत लाभदायक है, इसलिए आवश्यकता

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