बरसात ने झुकाई किसानों की कमर
मौसम का मिजाज सोमवार को अचानक बदल गया। भोर से ही तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बूंदाबांदी दोपहर तक रिमझिम बरसात में तब्दील हो गई। दो बार बारिश झेल चुकी गेहूं की फसल को झटका लगते देख किसानों का दिल बैठ गया। कृषि जानकारों की मानें तो बरसात फसल के लिए नुकसानदेह है। उनका कहना है कि गेहूं के अलावा दलहनी और तिलहनी फसले भी बारिश से तबाह बरबाद हो जाएंगी।
पिछली बरसात में गिरी गेहूं की फसल की बर्बादी की कहानी अभी किसानों की जुबां से उतरी भी नहीं थी कि सोमवार की बरसात ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी। रविवार सुबह आठ बजते-बजते बूंदाबांदी शुरू हो गई। इस दौरान तेज हवाओं ने किसानों को हिलाकर रख दिया। काटकर खेत में छोड़ी गई फसल पानी से भींग गई।
�किसानों का कहना था कि पक चुकी गेहूं की फसल के लिए अब एक बूंद पानी भी खतरनाक है। ज्यादातर किसानों ने गेहूं की फसल या तो काटकर खलिहान में रख दी है या खेत में ही छोड़ रखी है। हुदहुद के असर से धान को गंवा चुके किसानों की गेहूं की फसल पर माह भर पूर्व बारिश और आंधी ने करारी चोट पहुंचाई थी।
जिला कृषि उप निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि बरसात किसानों के लिए फायदेमंद नहीं है। खलिहान में गेहूं की फसल भींगकर सत्यानाश हो जाएगी और जो दाने जमीन पर होंगे, वह भी अंकुरित हो जाएंगे। ऐसे में नुकसान जाहिर है।
साभार अमर उजाला