खाद्य के नए स्त्रोत भी तलाशने होंगे : कृषि मंत्री
Submitted by Aksh on 30 November, 2015 - 07:59हरित क्रांति के बाद भारतीय खेती चुनौतियों के नए चौराहे पर खड़ी है। छोटी जोत, भूमि की घटती उर्वरता, सीमित होते प्राकृतिक संसाधनों के बीच खाद्यान्न की पैदावार बढ़ाना एक गंभीर चुनौती है। उससे भी बड़ी मुश्किल कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाना और खेती को लाभ का कारोबार बनाना है।
खेती से मुंह मोड़ रहे युवाओं के लिए इस क्षेत्र को आकर्षक बनाना है, ताकि विकास की निरंतरता कायम रह सके। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने हरित क्रांति के स्वर्ण जयंती पर शुक्रवार को आयोजित समारोह में शामिल वैज्ञानिकों के समक्ष चिंताओं से उन्हें अवगत कराया।