किसानो की बर्बादी के कारण है रसायनिक खाद और कीटनाशक

किसानो की बर्बादी के कारण है रसायनिक खाद और कीटनाशक

कीटनाशक कंपनियों ने किसानो को बर्बाद कर किया कीटनाशक कम्पनियों ने देश के किसानो को आत्म हत्या को मजबूर कर दिया किसान अधिक उपज पाने के चक्कर में रसायनों का अंधाधुंध  प्रयोग करते है जिसके कारण उनकी लागत बहुत अधिक बढ़ जाती है देश भर के किसान आज आत्महत्या कर रहे हैं  रोज देश के किसी न किसी कोने से किसान आत्म हत्या की खबर आ ही जाती है यह डॉ राधा कान्त जी ने किसान जागरूपता अभियान में कही वे आज कीटनाशक कम्पनियों के खिलाफ कार्यक्रम में शेर की तरह दहाड़ रहे थे उन्होंने अपने २ घंटे के भाषण में अधिकतर

दलहन में तेजी आई तो दोगुनी हुई बुआई

दलहन में तेजी आई तो दोगुनी हुई बुआई

 दशकों से सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र के किसान अब दलहन फसलों को प्राथमिकता देने का मन बना चुके हैं। राज्य में चालू रबी सीजन में अभी तक दलहन फसलों की बुआई पिछले साल से 10 गुना ज्यादा हुई है। दाल की हालिया तेजी और पानी की कमी के कारण देशभर के किसानों का रुझान दलहन फसलों की तरफ बढ़ा है। इससे किसान रबी सीजन में अन्य फसलों की तुलना में दलहन की ज्यादा बुआई कर रहे हैं। 

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में अब मिलेगा 1 पलेवा, 1 सिंचाई

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में अब मिलेगा 1 पलेवा, 1 सिंचाई

मंदसौर। जिले भर में बरसात कम होने का असर खरीफ के बाद अब रबी पर भी दिखेगा। जिले भर में 51 तालाबों में से 37 तालाब क्षमता से आधे ही भर पाए हैं। इनमें से अधिकांश तालाब रबी सीजन में खेतों को तर रखते थे। अब पानी की कमी को देखते हुए सिंचाई विभाग ने ही यह फैसला कर लिया है कि किसानों को एक बार पलेवा के लिए और दूसरी बार सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। इसके अलावा पानी नहीं दे पाएंगे। इस बार बरसात कम होने से लदूना, लामगरा, मूंदड़ी, चंदवासा, रनायरा जैसे बड़े तालाब तो खाली ही हैं। इससे लगभग 350 गांव के 15 हजार किसानों को रबी में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाएगा।

पांच लाख मिट्टी के नमूने लेंने को 55 हजार गांवों में लगेगी किसान चौपाल,

पांच लाख मिट्टी के नमूने लेंने को 55 हजार गांवों में लगेगी किसान चौपाल,

किसान आत्महत्या की घटनाओं और लगातार फसल नुकसान के हालातों से निपटने के लिए राज्य सरकार अब किसान चौपाल लगाएगी। इसमें खास तौर से किसानों को मिटटी के हिसाब से फसल का चयन करने का प्रशिक्षण भी देगी । खेती में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के बाद सरकार मिट्टी बचाओ, किसान बचाओ अभियान चलाएगी। इसके लिए 55 हजार गांवों में किसान चौपाल लगाई जाएगी । 5 से 12 दिसंबर तक चलने वाले अभियान के दौरान पांच लाख मिट्टी के नमूने भी लिए जाएंगे। इनका परीक्षण कर स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाकर किसानों को दिया जाएगा।

Pages