फर्टिलाइजर के उपयोग से चौपट हो रहीं किसान की फसलें
किसान जमीन से अच्छा उत्पादन चाहने के लिए फर्टिलाइजर का प्रयोग कर रहा है, लेकिन यह फर्टिलाइजर खेती को किसान के लिए फायदे की जगह नुकसान का धंधा बना रहा है। इसके प्रयोग से साल दर साल मिट्टी की उत्पादन क्षमता कम हो रही है और किसान की फसलें चौपट हो रही हैं। मिट्टी की उत्पादन क्षमता और उत्पादन कम होने से किसान का नुकसान भी बढ़ रहा है। यह तथ्य जिले के लगभग तीन हजार किसानों के खेतों की मिट्टी के परीक्षण में सामने आई है।
कैसे बढ़ रहा नुकसान
मृदा परीक्षण शाला के प्रभारी नरेन्द्र सिंह के अनुसार मिट्टी में जो तत्व कम होता है, किसान उसके अनुसार फर्टिलाइजर का प्रयोग कर रहा है। इससे उसे उस साल तो ठीक उत्पादन मिल जाता है, लेकिन जब किसान अगले साल खेती करता है तो मिट्टी से उसे अच्छा उत्पादन लेने के लिए फर्टिलाइजर का प्रयोग दोगुना या उससे अधिक करना होता है। ऐसे में फर्टिलाइजर पर होने वाला खर्चा बढ़ता है और उत्पादन घटता चला जाता है।
कम पाया गया नाइट्रोजन
मिट्टी के जितने सैम्पलों की जांच की गई, उनमें मिट्टी के सभी 16 तत्वों में असंतुलन पाया गया, लेकिन अधिकतर सेम्पल में नाइट्रोजन सबसे कम पाया गया।
किस माह कितने सैम्पलों की हुई जांच
माह जांचे गए सैम्पल
अप्रैल 01
मई 373
जून 669
जुलाई 380
अगस्त -
सितम्बर 920
अक्टूबर 02
नबम्वर-
दिसम्बर-
जनवरी-
जनवरी-
फरवरी 548
मार्च-
एक्सपर्ट व्यू
- यह बात सही है कि फर्टिलाइजर के अंधाधुंध एवं असंतुलित प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक शक्ति घट रही है, इस असंतुलन के कारण हर साल दो से तीन प्रतिशत उत्पादन क्षमता पर फर्क पड़ता है। किसान बिना किसी सलाह के डीएपी और यूरिया का प्रयोग करते हैं, जबकि मिट्टी की पोषक क्षमता बढ़ाने के लिए 16 तत्वों की जरूरत होती है। मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए मिट्टी में जैविक उर्वरकों, पोषक तत्वों का संतुलित प्रबंधन करना चाहिए। यदि किसान गोबर की खाद का प्रयोग करे, तो सभी 16 तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।
डॉ. एमके भार्गव, कृषि वैज्ञानिक।
- किसान उत्पादन अधिक पाने की चाह में फर्टिलाइजर का प्रयोग करता है, इससे मिट्टी की उर्वरकता कम हो जाती है। हमने जो परीक्षण किए हैं, उनमें अधिकतर में नाइट्रोजन कम पाया गया है। अन्य तत्वों में भी असंतुलन पाया गया है। यदि किसान गोबर खाद का प्रयोग करे तो पहले एक दो साल जरूर उत्पादन पर अंतर पड़ सकता है, लेकिन बाद में उत्पादन सही मात्रा में होता है।
नरेन्द्र सिंह, मृदा विशेषज्ञ, प्रयोग शाला प्रभारी।
इनका कहना है
- यह बात सही है कि फर्टिलाइजर के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता में कमी आ रही है। हालांकि हमारे पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है कि केवल फर्टिलाइजर के प्रयोग के कारण कितना उत्पादन गिरा है, क्योंकि हमारे यहां हर वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण भी फसल खराब हो रही हैं।
साभार नई दुनिया