जेर खाद
जेर खाद किसानों के लिए एक चमत्कारी नुस्खा
जब भी आपकी गाय या भैंस बच्चा देने वाली हो तो पशु ब्याते समय खास निगरानी रखें। पशु ब्याने की शुरुआत में जब Water balloon या जैव रस की थैली बाहर आने लगे तभी एक टोकरी राख तैयार रखें।जैसे ही यह पानी की थैली जमीन पर गिरे तुरन्त टोकरी की राख इसपर डाल दें। जिससे जैवरश का पानी वेस्ट न होकर राख सोख ले। इसके बाद जब पशु बच्चा देने के बाद जेर खाद डाले। इस जेर तथा जैवरस युक्त राख को एक मिट्टी के घड़े में भरकरं ढकते हुए यह घड़ा किसी फलवृक्ष के नीचे 60-70 दिन के लिए दबा दें। 70 दिन बाद इसे निकलने पर इसमे नम सीमेन्ट जैसा पाउडर मिलेगा। इसका एक चम्मच भर मात्र से 10 किलो बीज का बीजउपचार कर सकते हैं। इस पाउडर को 10 लीटर पानी मे घोलकर छानने के बाद आवश्यक पानी के साथ फसल पर छिड़काब करें या सिचाई के साथ प्रती एकड़ में प्रयोग करें। इससे फसल बढवार तथा उत्पादन में चममत्कारिक लाभ मिलेगा। फलदार वृक्षों में 15-25 ग्राम मात्रा के घोल अथवा इसी मात्रा के पेड़ पर छिड़काब करने से इसके परिणाम आपकी सोच से भी ज्यादा बढकर होगें। इसका प्रयोग गेहूँ, धान, सरसों, ज्वार तथा सब्जियों पर देखा गया है फलों में अमरूद, जामुन,आम तथा चीकू पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व केरला में मेरी देखरेख में हो रहा है।