खेती के ग्रेजुएट छात्रों को मिला 'प्रोफेश्नल्स' का दर्जा
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने खेती व संबंधित विषयों की ग्रेजुएशन की डिग्री को 'प्रोफेशनल डिग्री' घोषित करने की सूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब खेती के स्नातक भी प्रोफेशनल यानि पेशेवर कहलाएंगे। इस बात का फायदा इन छात्रों को तमाम स्कालरशिप को पाने और नए उद्यमों को शुरू करने में मिलेगा।
ऑल इंडिया एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स एसोसिएन (एआईएएसए) ने अपने फेसबुक पेज से ये जानकारी देशभर के खेती के छात्रों के साथ साझा की। एसोसिएशन ने फेसबुक पोस्ट में इस फैसले का स्वागत करते हुए लिखा, "कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई आईसीएआर की गवर्निंग बॉडी मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। यह मुद्दा काफी लंबे समय से चला आ रहा था"।
दरअसल एक आम स्नातक डिग्री और प्रोफेशनल डिग्री का अंतर ये होता है कि आम स्नातक को केवल संबंधित विषय में थ्योरी का ज्यादा और प्रैक्टिकल का कम ज्ञान होता है जबकि प्रोफेशनल कोर्स करके निकले छात्रों के लिए माना जाता है कि वे पढ़ाई पूरी करके उद्यमों में नौकरी करने के लिए तैयार हैं। इसीलिए प्रोफेशनल डिग्री में प्रैक्टिकल का हिस्सा ज्यादा शामिल किया जाता है।