जैविक खेती-आय में वृद्धि-गाँव की समृद्धि
Submitted by Aksh on 17 May, 2015 - 23:30
हमारे देश में जैविक खेती का इतिहास लग-भग ५००० साल से भी अधिक पुराना है. यह सजीव जैविक खेती ही थी,जिसने इतने लम्बे समय तक अनवरत अन्न उत्पादन के साथ मिटटी की उर्वरा शक्ति को बनाये रखा जिससे खाद्य सुरक्षा एवं पोषणीय सुरक्षा संभव हो सकती है.
जैविक खादों के गुण-
- कम लागत - जैविक खादें व् जैविक कीट तथा खर-पतवार नियंत्रक रासायनिक उर्वरकों आदि की तुलना में कम खर्च (लग-भग 75 से 85% ) में तैयार कर सकते हैं,
- स्थानीय उपलब्धता-जैविक कृषि उत्पादों की उपलब्धता ग्राम स्तर पर ही हो सकती है, स्थानीय संसाधनों के विवेकपूर्ण प्रयोग से जैविक खादें आसानी से तैयार की जा सकती हैं,
- सुग्राहयता- विषहीन, प्रदुषणमूलक, प्राकृतिक संसाधनों से तैयार की गयी जैविक खादें आसानी से अपनाई जा सकती हैं, जैविक खाद पर्यावरण मित्रवत होती हैं,
- उत्पादकता- जैविक खादों से उत्पादित पदार्थों की गुणवत्ता,पौष्टिकता, एवं प्रति उनित उत्पादन क्षमता में निरंतर वृद्धि होती है,
- पोषणीयता- जैविक खादों के संतुलित प्रयोग से मृदा की भौतिक, रासायनिक व जैविक संरचना में गुणोत्तर वृद्धि होती है. जैविक उत्पाद अधिक स्वास्थ्य वर्धक होते है,
- विविधिकरण- जैविक तकनीक व स्थानीय कृषि तकनीक से समन्वित कृषि का विकास होता है. जैविक खेती और जैव विभिन्नता व विविधिकरण के संतुलित विकास में सहायक होती है,
- किसान एवं किसानी मित्रवत- कम लगत, स्थानीय निर्माण व उपयोगिता के विभिन्न गुण जैविक खादों को किसान के लिए मित्रवत बनाते हैं. जैविक खाद से मृदा में जलधारण क्षमता, पी.एच,मान, जीवाश्म का अनुपात आदि में वृद्धि होती है.
- आय में वृद्धि-गाँव की समृद्धि-जैविक खेती में कम लागत व गुणोत्तर उत्पादन से सकल आय में बढोतरी होती है.
- निर्यात में प्रोत्साहन- जैविक कृषि उत्पादों की बिक्री व निर्यात में प्रोत्साहन तो मिलता ही है, कृषि उत्पादों पर बाज़ार में ३०-४०% अधिक मूल्य भी मिलता है.
- खरपतवार एवं कीट प्रबंधन- जैविक खादों के नित्य प्रयोग से रासायनिक विधा की खेती-बाडी की तुलना में खरपतवार व कीडों के प्रकोप में कमी आती है. फलत: रासायनिक खरपतवार व कीटनाशी पर खर्च तथा उनके विभिन्न हानिकारक आयाम जैसे मित्र कीटों में कमी, प्रदुषण, खाद्य श्रृंखला में विष प्रकोप आदि से बचा जा सकता है.
- भण्डारण क्षमता- जैविक खादों के प्रयोग से उत्पादित कृषि उत्पादनों में भण्डारण क्षमता तुलनात्मक रूप से लग-भग ३०-४०% अधिक होती है
इस प्रकार जैविक खेती से लाभ ही लाभ हैं, इसलिए हमें जैविक खेती को अपनाना आवश्यक हो गया है.
Amar kant Gangwar
nutricare bio science
organic farming: