रबी खेती पर छाया खतरा सरकार गंभीर
दिसंबर के आखिरी दिनों में तापमान में ये उछाल और मौसम में गर्मी का अहसास किसानों के साथ आम जन के लिए चिंता का विषय बन गया है। मौसम विभाग के अनुसान जनवरी के पहले सप्ताह में तेज ठंड की उम्मीद नहीं है।
गेहूं के लिए नुकसान
इन दिनों खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के लिए तापमान की यह तेजी नुकसान का कारण बन सकती है। बढ़वार पर आई फसल के लिए अधिक तापमान नुकसान का कारण बन सकता है। जहां पहले बोवनी हो गई थी और फसल अधिक बड़ी हो गई है, उसके लिए और भी अधिक नुकसान होगा।
कृषि वैज्ञानिक स्वप्रिल दुबे के मुताबिक गेहंू की फसल के लिए ये तापमान नुकसान दायक है। हालांकि दलहनी फसलों के लिए इससे नुकसान नहीं है, बल्कि फायदा ही होगा। धूप में तेजी के कारण फसलों की इल्लियां मर जाएंगी और अन्य बीमारियांं भी मिट जाएंगी।
आखिरी सप्ताह गर्मी
बीते पांच सालों में दिसंबर के आखिरी सप्ताह में इतना अधिक तापमान नहीं रहा। जिसने गर्मियों की तरह अहसास करा दिया हो। पांच सालों में 30 दिसंबर को जिले का तापमान इस तरह रहा।
मौसम के ताजा मिजाज से रबी खेती पर मंडरा रहे खतरे को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। मौसम के लिहाज से अगला सप्ताह इसके लिए बहुत अहम है। सरकार मौसम के इस बदलते रुख पर कड़ी निगाह रख रही है। उधर, गेहूं की बुवाई का रकबा बीते मानसून के चलते पिछड़ रहा है। मिट्टी में नमी की कमी के चलते वर्षा आधारित खेती वाले क्षेत्रों में बुवाई सिमट रही है।
रबी सीजन की खेती और मौसम के मिजाज पर पूछे सवाल को लेकर कृषि सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि मौसम का रुख अगले दो-तीन दिनों में बदल सकता है, जो गेहूं के लिए अनुकूल होगा। मौसम को लेकर इस तरह की हायतौबा मचाने की जरूरत नहीं है। मौसम विभाग का दीर्घकालिक पूर्वानुमान आ गया है, जिसके मुताबिक स्थितियां बदलेंगी। अगले सप्ताह बारिश होने और ठंड बढ़ने की संभावना है।
ठंड में अचानक कमी आने को लेकर सरकार सतर्क है। मंत्रालय के अफसर गेहूं उत्पादक राज्यों के दौरे पर हैं। मौसम पूर्वानुमान पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मौसम के दीर्घावधि पूर्वानुमान के मुताबिक अगले सप्ताह बारिश होने की संभावना है। रबी सीजन की खेती के लिए यह बेहद मुफीद साबित होंगी। इससे नुकसान की आशंका को निर्मूल होगी। कृषि सचिव सिराज ने कहा कि मौसम का यह रुख चुनौतीपूर्ण है। लेकिन गेहूं की पैदावार में कमी को लेकर अभी से कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
इस बारे में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने विस्तार से बताया कि उनकी सरकार जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर गंभीर है। कृषि अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिक इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। पिछले डेढ़ साल के भीतर हमारे वैज्ञानिकों ने 93 नई प्रजातियां जारी की है, जो प्रतिरोधी क्षमता से युक्त हैं। इन फसलों पर तापमान के बढ़ने का असर नहीं पड़ेगा। आने वाले सालों में जलवायु परिवर्तन का असर और बढ़ सकता है, जिसके लिए सरकार मुस्तैदी से कार्य कर रही है।
kisanhelp के संरक्षक श्री आर.के सिंह ने किसानो से संयम रखने की सलाह दी है साथ ही उन्होंने कहा की मौसम में अभी परिवर्तन की आशा है यदि मौसम नें करबट ली तो किसनोकी फसल अभी भी अच्छी हो सकती है साथ ही उन्होंने अगेती फसल वालों से कहा है कि फसल को पानी देते रहें तथा पिछेती फसल वाले अभी इंतजार न करके फसलों को बचने का प्रयास करें
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