प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किन किन किसानों को मिलेगा सम्मान
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में छोटे और सीमान्त किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना की घोषणा की है। इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर तक जोत वाले किसानों को मिलेगा। योजना के तहत 6,000 रुपये छोटे किसानों के खातों में तीन किस्तों में डाले जाएंगे। आपको बताते हैं कि इस योजना का लाभ किन लोगों को नहीं मिलेगा...
पीएम किसान स्कीम के फायदे
इस स्कीम के तहत सरकार 2 हेक्टेयर तक की खेतिहर जमीन वाले 12 करोड़ किसान परिवारों को 6,000 रुपये हर साल देगी। ये पैसे हर चार महीने पर 2,000 रुपये की किश्त में साल में तीन बार दिए जाएंगे। इन पैसों को फायदा पाने वाले किसान के खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिया जाएगा। पहली किस्त की अवधि 12 दिसंबर, 2018 से 31 मार्च, 2019 है। यानी किसानों को इस स्कीम का फायदा मौजूदा वित्तीय तिमाही से ही मिलने लगेगा।
किसे मिलेगा इस स्कीम का फायदा?
उन सभी किसान परिवारों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा जिनके पास दो हेक्टेयर तक खेतिहर जमीन है। 1 फरवरी, 2019 तक जिन किसानों के नाम राज्य के लैंड रिकॉर्ड्स में दिखेंगे, उन्हें इस स्कीम का फायदा मिलेगा। सरकारी कर्मचारियों की बात करें तो मल्टी-टास्किंग स्टाफ/क्लास IV/ग्रुप डी कर्मचारी इस स्कीम का फायदा ले पाएंगे।
किसे नहीं मिलेगा इस स्कीम का फायदा?
सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों, मौजूदा या पूर्व सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
पेशेवर निकायों के पास पंजीकृत चिकित्सकों, इंजिनियरों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और वास्तुकारों और उनके परिवार के लोग भी पीएम किसान योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं होंगे।
सभी वयोवृद्ध/रिटायर्ड पेंशनर जिन्हें 10,000 रुपये या इससे ज्यादा की पेंशन मिलती है, वे भी पीएम किसान योजना का फायदा नहीं ले पाएंगे।
आयकर देने वाले परिवारों को भी खासतौर पर छोटे किसानों के लिए लॉन्च की गई इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
संस्थागत भूमि मालिकों को भी लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के मौजूदा या सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अलावा स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारियों (इसमें मल्टी टास्किंग कम्रचारी-श्रेणी चार-समूह डी के कर्मचारी शामिल नहीं हैं) को भी इस योजना का फायदा नहीं मिल सकेगा।
दिशानिर्देश में यह भी बताया गया है कि भूमि सीमा को पूरा करने के बावजूद कुछ श्रेणी के लोग इस नकदी समर्थन के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत सरकार पहली किस्त 31 मार्च से पहले जारी करेगी। पहली किस्त प्राप्त करने के लिए आधार नंबर जरूरी नहीं है, लेकिन दूसरी किस्त से यह अनिवार्य होगा।
दिशानिर्देशों में छोटे और सीमान्त किसानों को ऐसे किसान परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है जिनमें पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों के पास संबंधित राज्य या संघ शासित प्रदेश के भूमि रेकॉर्ड के अनुसार सामूहिक रूप से खेती योग्य भूमि दो हेक्टेयर अथवा इससे कम है।