जलकुंभी

जलकुंभी एक तरह का शैवाल है जो नदी या तालाबों में पाया जाता है। सामान्य भाषा में आप इसे पानी में पैदा होने वाला एक प्रकार की घास कह सकते हैं। ज्यादातर समय पानी साफ करने के मकसद से इसे निकालकर फेंक दिया जाता है। अगर आपके आसपास कोई नदी या तालाब हो, तो आपने भी इसे देखा होगा लेकिन कभी भी इसे घर लाने का मन नहीं बनाया होगा। पर जिसे आप बेकार समझकर फेंक दिया करते हैं वह आपके लिए धन प्राप्ति का बेहद कारगर तरीका हो सकता है।जलकुम्भी एक एकबीजपत्री, सपुष्पक जलीय पौधा है। जल की सतह पर तैरने वाले इस पौधे की प्रत्येक पत्ती का वृन्त फूला हुआ एवं स्पंजी होता है। इसमें पर्वसन्धियों से झुंड में रेशेदार जड़े लगी रहती हैं। इसका तना खोखला और छिद्रदार होता है। इसके फूलों को मंजरी कहते हैं। यह दक्षिण अमेरिका का मूल-निवासी है। यह दुनिया के सबसे तेज बढ़ने वाले पौधे में से एक है। यह अपनी संख्या को २ सप्ताह में ही देगुना करने की क्षमता रखता है। यह बहुत अधिक परिमाण में बीज उत्पन्न करता है तथा इसके बीजों में अंकुरण की क्षमता ३० वर्षों तक होती है।

 

जलकुंभियों से बनाये मूल्यवान जैविक खाद

 

देश का शायद ही कोई गांव या शहर का ऐसा हिस्सा बचा होगा जहां पर ठहरा पानी हो और उसमे जलकुम्भी का राज न हो। सरकार चाहे तो एक पंथ से दो काज कर सकती है। इसपर कंट्रोल को लेकर बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करके फिजिकल तौर पर इसे खतम किया जा सकता है और दवाइयों का निर्माण करके या आयुर्वेद की दवाइयां बनाने वाली कंपनियों को सप्लाई करके युवा मोटी कमाई कर सकते हैं। इसके और भी उपयोग हैं जैसे फर्नीचर, हैंडबैग, आर्गेनिक खाद,जानवरों के चारे के साथ कागज बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।