शीतलहर के बाद ठंड ने असर दिखाना शुरु
दो दिनों से चल रही शीतलहर ने तापमापी के पारे को तो नीचे कर ही दिया है पूरे उत्तर भारत में इंसानों के साथ पशु पक्षियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है । कही-कहीं खेतों में पाला भी पड़ गया है। इससे सीधा नुकसान सब्जी की नाजुक माने जानी वाली फसल बैंगन पर हुआ है। इसके अलावा मटर लौकी ककड़ी के तो पत्ते ही जलकर काले पड़ गए है शिमला मिर्च के पौधों को भी भरी नुकसान हो रहा है । अभी यह पता नहीं चला है कि कितने बड़े क्षेत्र में सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचा है पर जहां भी पाला पड़ा है, वहां सब्जियां नष्ट हो गई हैं।
तीन दिन से चल रही शीतलहर के बाद ठंड ने असर दिखाना शुरु कर दिया है। एक सप्ताह में रात के तापमान में सात डिग्री तक की गिरावट हुई है।बुधवार को अधिकतम तापमान 24.4 डिसे रहा। न्यूनतम तापमान 10.0 डिसे दर्ज किया गया। बुधवार को अभी तक इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा। शीत लहर के कारण शहरों एवं गावों में जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह और शाम के साथ ही दोपहर में भी ठंडी हवाओं का दौर जारी रहा। सुबह और शाम ठंड से निजात के लिए अलाव जलते रहे। इधर अचानक बढ़ी ठंड का सीधा असर शहर व आस-पास के क्षेत्रों में खेतों पर हुआ है। रात में फसलों पर बर्फ की परत जमने से जल गई है। सबसे ज्यादा नुकसान अभी बैंगन, हरी मिर्च व ककड़ी के पौधों में दिख रहा है। बैंगन व ककड़ी के पत्ते तो पूरी तरह काले हो गए है। अभी तो शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ खेतों में यह समस्या दिखी है। हालांकि कृषि अधिकारी किसी बड़े नुकसानी की बात नकार रहे हैं।
पीला से फसल को बचाने के लिए खेत के पास आग जलाये या प्रकाश की उचित प्रबन्ध करें गेहूं को पाले से बचाने के लिए 40 लीटर पानी में 1 मिली गंधक का तेजाब मिलाकर स्प्रे करे