किसान का गौरवशाली अतीत था, आज किसान को मार्गदर्शन चाहिए
Submitted by Aksh on 15 April, 2015 - 23:30आज किसान बहुत दुविधा में पड़ा है। वह चाहता है कि वह रासायनिक खाद से कैसे छुटकारा पाए ताकि उसकी धरती फिर से उपजाऊ हो। वह भुल सा गया है कि उनके पुरखे गोबर और गोमूत्र से खाद बनाकर इतने सम्पन्न थे कि उन्होंने आजादी की लड़ाइयों अर्थात 1857, 1905 और 1930 स्वतंत्रता आंदोलनों में सबसे अधिक भाग ही नहीं लिया बल्कि उसमें दिल खोलकर धन भी खर्च किया। उस समय के किसान सम्पन्न थे और देश-भक्त तो थे ही। अंग्रेजी शासकों ने ये सब जानते हुए किसान को खत्म करने की एक साजिश रची। उन्होंने एक कानून पास किया जिसका नाम रखा ‘लैण्ड एक्यूसाईज़ेशन एक्ट’ जिससे हर रोज अत्याचारों के माध्यम से किसानों की खड़ी-