भारतीय देसी गौ वंश देश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार

भारतीय देसी गौ वंश

गिरती अर्थव्यवस्था. (आयात बिल पेट्रोल डीजल रसोई गैस दवाई उर्वरक सब विदेशो से आता है, घर की जगह विदेशी उत्पादों से मोह किसी भी वजह से) किसानों की आत्महत्या. (कारण हर चीज बाहर से खरीदना रासायनिक खेती में, जैसे बीज, खाद, कीट नाशक, ट्रैक्टर, डीजल और उपज के समय मंडी में भाव न मिलना.)

बढ़ती महंगाई और बढती गरीबी (मूल कारण अत्यधिक टैक्स, पेट्रोल, डीज़ल की बढ़ती कीमत, रुपये की गिरावट, भ्रस्टाचार और अंग्रेजी व्यवस्था)

बिजली की कमी (प्राकृतिक संसाधन की कमी और उसपर होने वाला खर्च)

पानी की कमी. (ग्लोबल वार्मिंग)

शुद्ध भोजन की कमी (केमिकल FARMING)

स्वच्छ वायु की कमी (प्रदुषण सबसे ज्यादा पेट्रोल डीजल से)

निरंतर गिरता स्वास्थ्य, बढ़ता दवाइयों का खर्च (बढ़ते रोगी कारण 5,6,7)

इन सबके 2 मुख्य कारण है,

सब कुछ बाहर से खरीदना और जैसे बीज, खाद, कीट नाशक, दवाइयां, पेट्रोल, गैस.

अपने गौ धन की अनदेखी करना

भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा जीवधन 51 करोड़ का है (जिसमे 15 करोड़ देसी भारतीय गौ वंश है जो 55 करोड़ टन गोबर प्रतिवर्ष का उत्पादन करता है (15 करोड़ *10 किलो प्रतिदिन* 365 दिन)

इसको इस्तेमाल करके हम न सिर्फ रसोई गैस, बल्कि पेट्रोल में भी आत्मनिर्भर हो सकते हैं. LPG, पेट्रोल इन को पूरी तरह से मीथेन गैस से हटाया जा सकता है.

यानि यह जीवधन हमारे भारत का लगभग 8.65 लाख करोड़ रुपया बचा सकता है

इसका अर्थ समझते हैं ?

भारत की केंद्र सरकार का 1 वर्ष का सभी तरह के टैक्स को जोड़ें तो वो होते हैं 8.2 लाख करोड़ रूपये (2013-2014 के बजट के अनुसार)

यानि गाय के माध्यम से पूरा भारत टैक्स फ्री किया जा सकता है

गाय अकेले ही देश के लिए रसोई गैस व् पेट्रोल का विकल्प मीथेन गैस के रूप में दे देगी.

डीजल (6.9 करोड़ टन)का खर्च तो स्वयम ही समाप्त हो जायेगा जब हम गौ आधारित कृषि करने लगेंगे

भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने का विकल्प किसके पास है ???

गौ धन गौ माता

अब प्रश्न यह उठता है की गाय का ही गोबर क्यूँ ?? गोबर तो सभी जीव देते हैं …

गाय, घोड़ा, सूअर, बकरी, मुर्गी

इसका उत्तर

गाय पौष्टिक दूध देती है, बकरी भी दूध देती है लेकिन घोड़ा, सूअर और मुर्गी दूध नहीं देते.

गाय के गोबर से खाद बनती है, लेकिन बकरी से नहीं तो बकरी इस दौड़ से बाहर

गाय कृषि का साधन है, और कोई जीव इनमे से नहीं

गाय ट्रांसपोर्ट का साधन है, घोड़ा भी साधन है और कोई जीव नहीं

गाय के मूत्र से दवाइयां, कीटनाशक उर्वरक बनता है और किसी जीव से ऐसा हो हमे ज्ञात नहीं

अगर नकली रूप से मान भी लें की अन्य सभी जीव सब फायदे देते जैसे गौ माता देती है तो भी गाय के प्रतिदिन के गोबर मात्र की मात्रा 2-5 गुना अन्य किसी भी जीव से अधिक होने के कारण भी गौ माता का परिवार ही जीतेगा. यही कारण है की हमारे पूर्वज, सनातन धर्मियों ने, भारतीय संस्कृति के आधार में गौ को किसी पशु का नहीं बल्कि माँ का स्थान दिया… जो सब कुछ देती है, लेती बहुत ही कम है… जिसका दूध माँ के दूध के समान बताया गया है..  भारत को अगर विश्वगुरु बनाना है तो उसे आत्मनिर्भर व् स्वावलंबी बनाना होगा……..