मोलिब्डेनम

मोलिब्डेनम (Molybdenum) एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Mo एवं परमाणु क्रमांक ४२ है। इसके खनिज तो बहुत समय से ज्ञात हैं किन्तु तत्व के रूप में इसकी पहचान १७७८ में शीले ने की।
मोलिब्डेनम के सात स्थिर समस्थानिक पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या ९२, ९४, ९५, ९६, ९७, ९८ और १०० है। इनके अतिरिक्त द्रव्यमान संख्या ९३, ९९, १०१ और १०५ के अस्थिर समस्थानिक कृत्रिम विधि से निर्मित हुए हैं। इसके अयस्क मोलिब्डेनाइट को बहुत काल तक भूल से ग्रेफाइट समझा गया। सन् १७७८ में शीले ने इस अयस्क से मोलिब्डिक अम्ल बनाया। सन् १७८२ में येल्म (Hyelm) ने मोलिब्डेनम ऑक्साइड का कार्बन द्वारा अपचयन कर मोलिब्डेनम घातु तैयार की।
मोलिब्डेनम स्वतंत्र अवस्था में नहीं मिलता। मोलिब्डेनाइट MnS2 एवं बुल्फेनाइट (PbMoO4) इसके मुख्य अयस्क हैं। संयुक्त राज्य अमरीका इसका मुख्य स्रोत है। चिली, दक्षिणी अमरीका और नार्वे में भी इसके अयस्क प्राप्य हैं।
कार्य – दलहनी फसलों की ग्रथियों द्वारा स्थिरीक्रत नाईटोजन के अवशोषण हेतु मॉलिब्‍डेनम की आवश्‍यकता होती है। यह फास्‍फोरस चयापचय को भी नियंत्रित करता है।

कमी के लक्ष्‍ण – मॉलिब्‍डेनम की कमी के कारण पत्तियों की शिराओं के मध्‍य हरिमाहिनता या क्‍लोरोसिस हो जाती है। इसकी कमी से फूलगोबी में व्हिपटेल एवं नीबू वर्गीय पौधों की पत्तियों में पीला धब्‍बा रोग होता 

- पत्तियों का रंग पीला , हरा हो जाता है तथा इसपर नारंगी रंग का चितकबरापन दिखाई पड़ता है। पत्तियां कटोरी के आकर की हो जाती है।
- टमाटर की निचली पत्तियों के किनारे मुड़ जाते हैं तथा बाद में मोल्टिंग व नेक्रोसिस रचनायें बन जाती हैं।
- इसकी कमी से फूल गोभी में व्हिपटेल एवं मूली मे प्याले की तरह रचनायें बन जाती हैं।
- नीबू जाति के पौधो में माॅलिब्डेनम की कमी से पत्तियों मे पीला धब्बा रोग लगता है।

मोलिब्डेनम की अधिकता के लक्षण - 
- इसकी अधिकता से पत्तियां बहुत अधिक चमकीली हो जाती है।

निदान – मॉलिब्‍डेनम की कमी को दूर करने के लिये सोडियम मॉलिब्‍डेट को 0.2 से 0.6 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर भूमि में जुताई के समय डाले।
मोलिब्डेनम
कई एंजाइमों का अवयव है।
नाइट्रोजन उपयोग और नाइट्रोजन यौगिकीकरण में मदद करता है।
नाइट्रोजन यौगिकीकरण में राइजोबियम जीवाणु के लिए आवश्यक होता है।

पौधों में मोलिब्डेनम का महत्व

मोलिब्डेनम पौधों द्वारा लिया जाने वाले आठ आवश्यक सुक्ष्म रासायनिक तत्वों में से एक है। अन्य सात लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज, क्लोरीन, निकल और बोरान हैं। इन तत्वों को सुक्ष्म तत्व कहा जाता हे, क्योंकि पौधों को इनकी बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। प्रमुख  आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम हैं। लेकिन पोधो के सामान्य विकास के लिए इन सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की बहुत आवश्यकता होती हैं। इन आठ सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की तुलना में मोलिब्डेनम की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है।