स्टिकी ट्रैप

वाइट फ्लाई (सफ़ेद मक्खी), एवं एफिड (महू) के लिए -इसको बनाने के लिए टीन की चौकोर प्लेट के ऊपर पीली रंग से पुताई करने के बाद सफ़ेद चिपचिपीपदार्थ लगाकर खेतो में सरसों, सब्जियों,मिर्च एवं दलहनी फसल से एक फूट ऊपर लगाने से सफ़ेद मक्खी एवं महू का 50 % नियंतरण हो जाता है

घर पर भी बनाया जा सकता है कीटों से फसल की सुरक्षा के लिए स्टिकी ट्रैप

फसलों को विभिन्न कीटों से बचाने के लिए किसान कई प्रकार के हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। भारत में अधिकांश कीटनाशकों का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है। यदि कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है तो किसान की फसल बर्बाद हो जाती है। कीटनाशकों का प्रयोग करते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फसलों के साथ-साथ इनका हमारे स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही कीटनाशकों के प्रयोग का खर्चा भी बढ़ जाता है। एक ओर जहां हम जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर अगर समय रहते कीटनाशकों का प्रयोग कम नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में इसके कई दुष्प्रभाव द

स्टिकी ट्रैप

किसान घातक कीटनाशकों के छिड़काव के बिना कीटों से अपनी फसल की रक्षा कर सकेंगे। रासायनिक दवाओं से कीट नियंत्रण में कई तरह की दिक्कत आती हैं, जिसमें कृषि पर्यावरण को कई तरह के नुकसान शामिल रहते हैं। जबकि स्टिकी ट्रैप के इस्तेमाल से किसान इन सभी दिक्कतों से बच सकता है। रासायनिक कीटनाशकों के लगातार इस्तेमाल से कई गंभीर खतरे पैदा होतेे रहते हैं। रसायन के ज्यादा इस्तेमाल से कीटों में रसायन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता, खाद्य शृंखला में कीटनाशक अवशेष, मृदा प्रदूषण, मित्र कीटों का अनचाहा नुकसान और पर्यावरण को कई अन्य नुकसान भी होते हैं।बार बार रासायनिक कीटनाशको के प्रयोग के उपरांत भी कपास, मूंगफली, धान