गौवंश जीवामृत बनाने की विधि

(अ) घन जीवामृत (एक एकड़ खेत के लिए)
सामग्री :-
1. 100 किलोग्राम गाय का गोबर
2. 1 किलोग्राम गुड/फलों का गुदा की चटनी
3. 2 किलोग्राम बेसन (चना, उड़द, अरहर, मूंग)
4. 50 ग्राम मेड़ या जंगल की मिट्टी 
5. 1 लीटर गौमूत्र
बनाने की विधि :- 
सर्वप्रथम 100 किलोग्राम गाय के गोबर को किसी पक्के फर्श व पोलीथीन पर फैलाएं फिर इसके बाद 1 किलोग्राम गुड या फलों गुदों की चटनी व 1 किलोग्राम बेसन को डाले इसके बाद 50 मेड़ या जंगल की मिट्टी डालकर तथा 1 लीटर गौमूत्र सभी सामग्री को फॉवड़ा से मिलाएं फिर 48 घंटे छायादार स्थान पर एकत्र कर या थापीया बनाकर जूट के बोरे से ढक दें। 48 घंटे बाद उसको छाए पर सुखाकर चूर्ण बनाकर भंडारण करें।
अवधि प्रयोग :- इस घन जीवामृत का प्रयोग छः माह तक कर सकते हैं।
सावधानियां :-
सात दिन का छाए में रखा हुआ गोबर का प्रयोग करें।
गोमूत्र किसी धातु के बर्तन में न ले या रखें।
छिड़काव :- एक बार खेत जुताई के बाद घन जीवामृत का छिड़काव कर खेत तैयार करें।

 

(ब) जीवामृत : (एक एकड़ हेतु)
सामग्री :-

1. 10 किलोग्राम देशी गाय का गोबर

    2. 5 से 10 लीटर गोमूत्र
    3. 2 किलोग्राम गुड या फलों के गुदों की चटनी
    4. 2 किलोग्राम बेसन (चना, उड़द, मूंग)
    5. 200 लीटर पानी
     6. 50 ग्राम मिट्टी
बनाने की विधि:- सर्वप्रथम कोई प्लास्टिक की टंकी या सीमेंट की टंकी लें फिर उस पर 200 ली. पानी डाले। पानी में 10 किलोग्राम गाय का गोबर व 5 से 10 लीटर गोमूत्र एवं 2 किलोग्राम गुड़ या फलों के गुदों की चटनी मिलाएं। इसके बाद 2 किलोग्राम बेसन, 50 ग्राम मेड़ की मिट्टी या जंगल की मिट्टी डालें और सभी को डंडे से मिलाएं। इसके बाद प्लास्टिक की टंकी या सीमेंट की टंकी को जालीदार कप99ड़े से बंद कर दे। 48 घंटे में चार बार डंडे से चलाएं और यह 48 घंटे बाद तैयार हो जाएगा।
अवधि प्रयोग : इस जीवामृत का प्रयोग केवल सात दिनों तक कर सकते हैं।
सावधानियां :-
प्लास्टिक व सीमेंट की टंकी को छाए में रखे जहां पर धूप न लगे।
गोमूत्र को धातु के बर्तन में न रखें।
छाए में रखा हुआ गोबर का ही प्रयोग करें।

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