धान की खेती में नया प्रकोप रेडबर्म एवं उपचार

धान फसल में अब ब्लास्ट रोग के बाद रेडबर्म (कीट) का प्रकोप हो गया है। रेडबर्म के फसल में लगने से पौध सूखकर नष्ट हो रही है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार दवाईयां भी खरीदकर छिड़काव कर रहे है,लेकिन इसका असर रोग पर कतई होता नजर नहीं आ रहा है। यह कीट केचुएं के समान होता है जो पौध की जड़ से लगना शुरू होता है। कीट के लगने के बाद पौधे सूखने लगती है और खत्म हो जाती है। किसानों ने धान फसल में लगे इस कीट को मारने के लिए कई तरीके अपनाएं लेकिन, एक भी तरीका सफल नहीं हुआ। 

उपाय

२० लीटर गौमूत्र में 5 किलो नीम की पत्ती , 3 किलो धतुरा की पत्ती और 500 ग्राम तम्बाकू की पत्ती 1 किलो बेसरम की पत्ती  1 किलो आकौआ  की पत्ती  2 किलो  सदा बहार की पत्ती , 1 किलो गुड 25 ग्राम हींग डाल कर तीन दिनों के लिए छाया में रख दें फिर छिद्काब करनें से 10 घंटे पहले २५० ग्राम लाल मिर्च का पाउडर मिला दे  यह घोले 1 एकड़ के लिए तैयार है इसे दो बार में 7-10 दिनों के अन्तेर से छिद्काब करना है प्रति 15 लीटर पानी में 3 लीटर घोल मिलाना है छिद्काब पूरी तरह से तर करके करना होगा 

या 

नीम की खली को मट्टे के साथ चिद्काब करना चाहिए 

दुसरे छिड्काब के 5-8 दिन बाद एमिनो असिड , फोल्विक असिड ,पोटैशियम होमोनेट का समानुपात में छिड्काब लाभकारी रहेगा लेकिन नत्रजन की मात्रा का प्रयोग नही करना चाहिए अन्यथा नुकसान बड़ने की संभाबना रहती है 

खेतों में नमी की मात्रा बनाय रखे 

 

जैविक खेती: