कॉली फ्लावर

बंद गोभी (पात गोभी या करमकल्ला ; अंग्रेजी : कैबेज) एक प्रकार का शाक (सब्जी) है, जिसमें केवल कोमल पत्तों का बँधा हुआ संपुट होता है। इसे बंदगोभी और पातगोभी भी कहते हैं। यह जंगली करमकल्ले (ब्रेसिका ओलेरेसिया, Brassica oleracea) से विकसित किया गया है। शाक के लिए उगाया जानेवाला करमकल्ला मूल प्रारूप से बहुत भिन्न हो गया, यद्यपि फूल और बीज में विशेष अंतर नहीं पड़ा है।

करमकल्ले के लिए पानी और ठंडे वातावरण की आवश्यकता है। इसको खाद भी खूब चाहिए। बीच में दो चार दिन गर्मी पड़ जाने से भी करमकल्ले का संपुट अच्छा नहीं बन पाता। संपुट बनने के बदले इसमें से शाखाएँ निकल पड़ती हैं, जिनमें फूल तथा बीज उगने लगते हैं। करमकल्ला पाला नहीं सहन कर सकता। पाले से यह मर जाता है। यद्यपि ऋतु ठंडी होनी चाहिए, तो भी करमकल्ले के पौधों को दिन में धूप मिलना आवश्यक है। छाँह में अच्छे पौधे नहीं उगते।

कम होती कृषि जोंतों का विकल्प हो सकती है वर्टिकल खेती

कम होती कृषि जोंतों  का विकल्प हो सकती है वर्टिकल खेती

आबादी बढ़ने के साथ कम होती कृृषि योग्य भूमि को देखते हुए जयपुर में वर्टिकल खेती (खड़ी खेती) का सफल प्रयोग किया जा रहा है। खास बात यह है कि इसमें रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं का उपयोग नहीं होता यानि उत्पादन पूरी तरह आर्गेनिक है।

जयपुर स्थित सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय में पिछले एक साल से वर्टिकल खेती पर रिसर्च हो रही है और परिणाम बहुत ही सकारात्मक आए हैं। इस शोध के बाद आम लोग अपनी छतों पर भी अपने उपयोग लायक सब्जियां पैदा कर सकेंगे। इसके लिए न तो मिट्टी की जरूरत होगी और न तेज धूप की।