बारिश से उड़द की फसल पर कीट प्रकोप की आशंका
इससीजन में बेमौसम बारिश से किसान चिंतित नजर रहे हैं। उड़द की फसल पक चुकी है। कई स्थानों में फसल पकने की स्थिति में है। ऐसे में हो रही बारिश और छाए बादलों फसलों के खराब होने की आशंका बढ़ गई है। कहीं-कहीं फसल में कीट का प्रकोप भी शुरू हो गया है।
जिले में धान के फसल के साथ साथ दलहन एवं तिलहन का रकबा प्रतिवर्ष बढ़ने लगा है। यहां के किसान दलहन,तिलहन की खेती पर ध्यान देने लगे हैं। इसके कारण धान के साथ-साथ खरीफ के मौसम में लगने वाले अरहर, उड़द जैसी दलहन फसलों की व्यापक पैमाने पर किसान खेती करने लगे हैं। पर इस साल विदा होती बरसात से फसलों के प्रभावित होने की आशंका बढ़ रही है। इन दिनों होने वाली बारिश एवं आसमान में छाए बादल दलहन फसलों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। तैयार दलहन की फसलों पर कीट प्रकोप की आशंका बढ़ गई है। जिले के अधिकांश स्थानों पर लगी उड़द की फसल पक चुकी है। वहीं कई जगहों पर अभी खेतों में लगी उड़द की फसल पकने की कगार पर है। इससे किसान चिंता में पड़ गए हैं, ग्राम सिटोंगा के किसानों ने बताया कि यहां के दर्जनों किसान उड़द की खेती व्यापक पैमाने पर कर रहे हैं। पर बीते दिनों से हुई बारिश और आने वाले दिनों में बारिश की आशंका से उनके होश उड़ गए हैं। इन किसानों का कहना है कि यदि मौसम साफ नहीं हुआ, तो उनके उड़द की तैयार फसल कीटों के भेंट चढ़ जाएगी। ऐसा ही मौसम रहने से फसल सड़ने की आशंका है। इस कारण से वे खेतों में जमे पानी की निकासी करने में किसान जुटे हुए हैं। जिससे उनकी फसल कुछ हद तक बच सके।
कैसे करें उपचार
25 से 30 हजार हेक्टेयर में होती है फसल
जिलेमें करीब 25 से 30 हजार हेक्टेयर में उड़द की फसल ली जाती है। प्रतिवर्ष उड़द उत्पादन का रकबा बढ़ता जा रहा है। विभाग यहां के कृषकों को दलहन उत्पादन करने के लिए लगातार प्रेरित कर रहा है। अगर मौसम साफ नहीं होता है, तो इस साल उत्पादन कम होने की आशंका भी जताई जा रही है।
कृषि विभाग का कहना है कि अगर मूंग और उड़द की फसल पकने की अवस्था में गई हो तो फलियों की तुड़़ाई कर संरक्षित स्थान पर रखें। वर्षा इस वर्ष सामान्य हो रही है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करें। जल भराव वाले धान के खेतों में तना छेदक, गंगई, पत्तीमोड़क, बंकी (केस वर्म) और हरा माहो कीटों का प्रकोप देखने में रहा है
साभार दैनिक भास्कर