रोग
रोग अर्थात अस्वस्थ होना। यह चिकित्साविज्ञान का मूलभूत संकल्पना है। प्रायः शरीर के पूर्णरूपेण कार्य करने में में किसी प्रकार की कमी होना 'रोग' कहलाता है। किन्तु रोग की परिभाषा करना उतना ही कठिन है जितना 'स्वास्थ्य' को परिभाषित करना।
रोगों का विस्तार तापमान एवं अन्य जलवायु सम्बंधी कारको पर निर्भर करता है तथा साथ ही सस्य-क्रियाओं का भी प्रभाव पड़ता है। धान के मुख्य रोगों को उनके कारकों के आधार पर तीन भागों में बाँटा जाता है:
कवकीय रोग (Fungal)- कवक के कारण उत्पन्न रोग
- बदरा (Blast)
- तनागलन (Stem rot)
- तलगलन एवं बकाने (Foot rot & bakanae)
- पर्णच्छद गलन (Sheath rot)
- पर्णच्छद अंगमारी (Sheath blight)
- भूरी-चित्ती (Brown spot)
- आभासी कांगियारी (False smut)
- उदबत्ता (Udbatta)
जीवाणुज़ रोग (Bacterial) - जीवाणुओं के कारण उत्पन्न रोग
- जीवाणुज़ पत्ती अंगमारी (Bacterial leaf blight)
- जीवाणुज़ पत्ती रेखा (Bacterial leaf streak)
वाइरस रोग (Virus) - वाइरस के कारण उत्पन्न रोग
- टुंग्रो (Tungro)
- घासीय-वृद्धि रोग (Grassy stunt)