कम पानी में कई फसलें उगाने की उन्नत तकनीक
Submitted by kisanhelp on 23 May, 2022 - 21:27
सघन खेती भी कहा जाता है. इस तकनीक को अपनाकर किसान कम भूमि के साथ-साथ कम पानी में कई फसलों की पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. वर्तमान समय में कई किसानों का भी रुझान इस तकनीक की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि इसमें कम भूमि के साथ–साथ पानी की आवश्यकता भी ज्यादा नहीं पड़ती है.
इसलिए किसानों के लिए यह तकनीक काफी सफल साबित हो रही है. सघन खेती से किसानों की आमदनी में इजाफा होता है साथ ही पैदावार भी अच्छी प्राप्त होती है. तो चलिए जानते हैं सघन खेती/ गहन खेती क्या है और इससे किसानों को क्या लाभ मिल रहा है.
सघन खेती के लाभ
- इस तकनीक द्वारा किसानों कम भूमि पर अधिक फसल का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
- इसकी खेती से सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें खरपतवार होने की कोई सम्भावना नहीं रहती है.
- इसकी खेती के दौरान सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता ज्यादा नहीं पड़ती है.
- इस विधि द्वारा फसलों की खेती करने से कुछ फसलें आपस में एक-दूसरे को लाभ पहुंचाती है. उदहारण के तौर पर दलहन नोइट्रोजन उत्पन्न करती है जो दूसरे फसलों के लिए भी अधिक लाभकारी साबित होती है.
- इस तकनीक से खेती करने पर पौधे का आकार छोटा होता है, जिसके कारण फसल उत्पादन का समय कम होता है, और जल्दी फल देना शुरू कर देता है.
- इसका आकार छोटा होने पर फसल में कटाई, छंटाई के कार्यों में आसानी रहती है.
- सघन खेती में पौधों का आकार छोटा होने से इसमें कटाई, छंटाई और स्प्रे करना आसान हो जाता है.
- इस तकनीक से पौधे की जड़ें अधिक गहराई में जाती हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया भी अच्छी हो जाती है.
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इस तकनीक से खेती करने पर फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है.
जरुरी बातें
- सघन खेती की विधि के दौरान छोटी किस्म के पौधों को लगाना चाहिए, जिससे कम जगह पर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जा सकें एवं खेती का अधिक से अधिक उपयोग भी हो सके.
- फल वृक्षों की अच्छी वृद्धि होनी चाहिए जिससे दूसरे पौधे फलों को फैलने की जगह प्राप्त हो सके.
- पौधों की वृद्धि रोकने के लिए वृद्धि रोधक हारमोन का इस्तेमाल करना चाहिए.
- समय रहते ही पौधे की टहनियों की कटाई-छंटाई करते रहें ताकि पेड़ों का आकार ज्यादा न बढ़े.
- दस से बाहर वर्ष बाद यदि सघन खेती में एक-दूसरे पेड़ों की टहनियां तथा जड़ आपस में उलझने लगे तो बीच में पेड़ों की कोई एक लाईन काट दें.
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