जैविक खेती में देशी प्रजाति को बढ़ावा मिलेगा
जैविक खेती का सबसे बड़ा फायदा तो यह हुआ है कि देशी प्रजाति के अनाज की खेती को ब़ढावा मिला है. अब तक आम किसान संकर किस्म के बीजों का इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन जैविक खेती करने वाले किसानों ने बेहतर परिणाम के लिए फिर से देशी किस्म के अनाजों का उत्पादन करना शुरु कर दिया. इसके अलावा, जैविक अनाज स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी फायदेमंद होता है. अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिए अब लोग मोटे अनाज की ओर आकर्षित हुए हैं. जैविक अनाज की शुद्धता और स्वाद का कोई जो़ड नहीं है और यह अनाज पेट के रोगों के लिए खासा कारगर साबित हुआ है. वैसे ही मधुमेह के रोगियों के लिए भी मोटा अनाज फायदेमंद साबित हुआ है. ने वाला व़क्त जैविक खेती का ही है. यह बात अब धीरे-धीरे किसानों को समझ में आ गई है. रासायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल करने का नतीजा क्या होता है, यह हमारे किसान भाई अच्छी तरह समझ चुके हैं. अब तक हमारे फाउंडेशन के साथ क़रीब 10 लाख किसान जु़ड चुके है. मतलब दस लाख किसान क़रीब 11 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर जैविक खेती कर रहे है. आने वाले कुछ सालों में हम इस संख्या को और बढ़ाएंगे. हमारी कोशिश होगी कि अगले कुछ सालों में हमारे साथ 20 से 30 लाख किसान और जुड़े
वी.बी. बापना महा प्रबंधक मोरारका फाउंडेशन, वाटिका रोड