सौंफ

सौंफ एक मसाला है सौंफ का वानस्पतिक नाम है Foeniculum vulgare । यह व्यावसायिक रूप से एक वार्षिक जड़ी बूटी के रूप में खेती की जाती है, जो एक मोटा और सुगंधित मसाला फसल है। सौंफ़ देश के विभिन्न भागों में विभिन्न नामों से जाना जाता है। हिंदी में, सौंफ 'saunf' के रूप में जाना जाता है और तमिल में यह perungeerakam 'के रूप में जाना जाता है। भारत में सौंफ के प्रमुख उत्पादन केन्द्रों राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा रहे हैं।रक्‍त-शुद्धि लेकर हाजमे तक सौंफ में समाए हैं कई चमत्‍कारी गुण

आंखों की रोशनी तेज करना चाहते हैं तो करें सौफ का सेवन
गैस और कब्‍ज से राहत पाने के लिए सौंफ का इस्‍तेमाल करें
शहद के साथ सौंफ करने से खांसी की तकलीफ हो जाती है दूर
खून साफ कर त्‍वचा को दमकाने का काम करती है सौंफ

सौंफ में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिनका सेवन करने से स्वास्‍थ्‍य को फायदा होता है। सौंफ हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होती है। सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे तत्व पाये जाते हैं। सौंफ का फल बीज के रूप में होता है और इसके बीज को प्रयोग किया जाता है। पेट की समस्याओं के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होती है। आइए जानते हैं सौंफ खाना स्वास्‍थ्‍य के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है।

अब हर जलवायु में बोएं नरेंद्र हल्दी की नई प्रजाति

अब हर जलवायु में बोएं नरेंद्र हल्दी की नई प्रजाति

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक की मेहनत रंग लाई। उनकी ईजाद की गई हल्दी की नई प्रजाति एनडीएच-98 सभी प्रकार की जलवायु के लिए मुफीद पाई गई है। इसे न सिर्फ देश के सभी प्रांतों में उगाया जा सकेगा, बल्कि यह गुणवत्ता व मात्रा में भी श्रेष्ठ पाई गई।
हाल में ही राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित कार्यशाला में हल्दी की इस प्रजाति को रिलीज करने की अनुमति मिली। यह प्रजाति अब रिलीज हो चुकी है। इस प्रजाति ने देशभर में नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय व शोधकर्ता डॉ. विक्रमा प्रसाद पांडेय के कार्य का लोहा मनवाया है।