kisan
कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है
1. जो फसलें उगाते हैं।
2. कृषक (farmer)
3. खेतिहर – खेती करने वाला।
4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।
5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।
6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं
गेहूं फसल में जड़ माहू का प्रकोप
Submitted by Aksh on 18 December, 2022 - 20:52इन दिनों रबी सीजन की गेहूं फसल में जड़ माहू का प्रकोप लगने से किसान परेशान हैं। किसानों द्वारा बताये जाने पर kisanhelp की टीम ने उत्तर प्रदेश के बरेली , पीलीभीत ,शाहजहांपुर आगरा मध्य प्रदेश के रतलाम ,हरदा ,अशोक नगर के गांवों में जाकर रोग की जानकारी दी । जहां पर गेहूं फसल में जड़माहू का प्रकोप मिला। जड़ माहू के प्रकोपित पौधों को उखाड़कर सफेद पेपर पर रखकर देखने पर भूरे रंग के बारिक-बारिक माहू दिखाई दिए, जो कि पौधों की तने जड़ से रस चूसते हैं, जिसके कारण पौधे पीले पडऩे लगते हैं।
जड़ माहू रोग
अनियमित बारिश से खरीफ खेती प्रभावित, किसान परेशान, इस माह अच्छी बारिश होने का अनुमान
Submitted by Aksh on 4 August, 2019 - 23:47मानसून पूरे देश पर छा गया है, लेकिन कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। देश का कुछ हिस्सा अभी भी सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहा है। इसके चलते खरीफ सीजन की फसलों की बोवाई प्रभावित हुई है, जिससे खेती की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले पीछे चल रही है। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने अगस्त माह में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।
सरकार ने बढ़ाई उर्वरक सब्सिडी, सीधे किसानों को मिलेगा फायदा
Submitted by Aksh on 3 August, 2019 - 08:09पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए गैर यूरिया आधारित उर्वरकों (फॉस्फेटिक और पोटाशिक) की सब्सिडी को बढ़ाने की मंजूरी दी गई। इसके तहत सरकार की तरफ से 22,875 करोड़ रुपए खर्च की इजाजत दी गई।
उर्वरक सब्सिडी का सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। हालांकि प्रतिकिलो सब्सिडी दरें वही रहेंगी जैसी वर्ष 2018-19 में थी। सरकार की तरफ से सब्सिडी की शुरुआत 2010 में की गई थी। इसके तहत सब्सिडी वाले फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड पर एक निश्चित राशि सब्सिडी के तौर पर दी जाती है। यह सब्सिडी सालाना आधार पर दी जाती है।