मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है।
विवरण
भारत की संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते दीपक के समान है, जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। यह विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षक गुलदस्ता है, मध्यप्रदेश, जिसे प्रकृति ने राष्ट्र की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजाकर रख दिया है, जिसका सतरंगी सौन्दर्य और मनमोहक सुगन्ध चारों ओर फैल रहे हैं। यहाँ के जनपदों की आबोहवा में कला, साहित्य और संस्कृति की मधुमयी सुवास तैरती रहती है। यहाँ के लोक समूहों और जनजाति समूहों में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रुप से फूटती रहती है। यहाँ का हर दिन पर्व की तरह आता है और जीवन में आनन्द रस घोलकर स्मृति के रुप में चला जाता है। इस प्रदेश के तुंग-उतुंग शैल शिखर विन्ध्य-सतपुड़ा, मैकल-कैमूर की उपत्यिकाओं के अन्तर से गूँजते अनेक पौराणिक आख्यान और नर्मदा, सोन, सिन्ध, चम्बल, बेतवा, केन, धसान, तवा नदी, ताप्ती, शिप्रा, काली सिंध आदि सर-सरिताओं के उद्गम और मिलन की मिथकथाओं से फूटती सहस्त्र धाराएँ यहाँ के जीवन को आप्लावित ही नहीं करतीं, बल्कि परितृप्त भी करती हैं।
किसानों के लिए मुसीबत बना लौटता मानसून, कटाई के लिए खड़ी फसल को हो रहा नुकसान
Submitted by Aksh on 25 September, 2018 - 08:08उत्तर भारत में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से राहत तो मिली है, लेकिन किसानों के लिए मुसीबत हो गई है। कटाई के लिए खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खासकर धान, कपास, सोयाबीन व उड़द की फसल को। बारिश के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती है। इस बारिश से किसानों को 20 से 25 फीसदी नुकसान होने की आशंका है।
अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला, दहशत में किसान
Submitted by Aksh on 4 June, 2016 - 13:39हरियाणा , मध्यप्रदेश और पंजाब आदि राज्यों में अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला हो रहा है, किसानों में सफेद मक्खी के हमले को लेकर इतनी दहशत पैदा हो चुकी है कि वह अपने खेतों में कपास छोड़कर अन्य फसलें बीजने लगे हैं। कई किसानों ने कपास अपने खेतों में लगा ली थी, लेकिन जैसे ही उन्हें फसल पर सफेद मक्खी का हमला होता दिखाई दिया तो उन्होंने तुरंत इसको तुरंत ट्रैक्टर से रौंद दिया। कृषि विभाग की ओर से अधिकारिक की गई दवाओं को ही अपने खेतों में बोई कपास की फसल पर छिड़काव किया था, लेकिन डेढ़ माह के अंदर उसकी फसल पर फिर से सफेद मक्खी ने हमला कर दिया। उस पर उक्त दवा का भी काई असर नहीं हुआ।
सूखे से निपटने के लिए पर्याप्त कोष नहीं दे रहीं सरकारें
Submitted by Aksh on 1 May, 2016 - 11:34राज्यसभा में सदस्यों ने महाराष्ट्र सहित 11 राज्यों में पीने के पानी के गंभीर संकट और किसानों की बढ़ती आत्महत्या पर चिंता जाहिर की। विपक्ष ने सरकार पर इन राज्यों के लिए पर्याप्त कोष जारी नहीं करने का आरोप लगाया। मौजूदा समय में पेयजल की समस्या बने रहने का उल्लेख करते हुए सदस्यों ने सरकार से देश भर में लंबित 312 सिंचाई परियोजनाओं को समयसीमा में पूरी करने को कहा। इन परियोजनाओं से पीने के लिए पानी की आपूर्ति और कृषि को फायदा होगा।