किसान की बात करेगा कौन
कृषि को चाहिय उधोग का दर्जा
किसानों की आय दोगुनी करने का फैसला सरकार ने कर लिया है अच्छी बात है।कांग्रेस ने तो किसानों को खत्म करने का पूरा प्रयास किया था।
देश में खेती को उद्योग का दर्जा सरकार दे दे उद्योगों की तरह सब्सिडी दे 20 साल तक बिजली पानी फ्री अगर मिले तो 2020 तक आय दोगनी हो जाएगी। लेकिन कोई भी सरकार हो चाहे केन्द्र की या राज्य सरकार हो किसी भी पार्टी की हो ।क्योंकि किसान को केवल बोट बैंक ही माना जाता है।केवल वोट बैंक बनकर हम किसान उन पार्टियों के गुलाम बनकर रह गए हैं।किसी गांव में जब भी चर्चा चलती है तो एक पक्ष एक पार्टी का तथा दूसरा पक्ष दूसरी पार्टी की चर्चा करते हैं लेकिन किसान होकर भी हम किसानों की बात नहीं करते क्यों? ऐसा क्योँ है? आखिर हमारे मन में हम किसान क्यों नहीं हैं?
कृषि को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद हमे अपने उत्पाद का मूल्य तय करने का अधिकार मिल जाएगा फिर हमें सरकार की ओर ताकने की जरूरत नहीं होगी।एम एस पी की जगह एम आर पी का चलन हो जाएगा ।हम किसान भी आयकर ,बिक्री कर जी एस टी आदि जितने कर होते हैं सभी देने को तैयार है।सरकार दावा कर रही है कि2022 तक आय दोगनी हो जाएगी मैं कहता हूँ कि उधोग का दर्जा मिलने के बाद2 साल में ही आय दोगनी हो जाएगी।और जब किसान भी कर देने लगेगा तो देश को 42%अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी 5 साल में ही देश विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा।
और हाँ सब्सिडी की जरूरत होगी देश की उस जनता को जो किसान वर्ग के अतिरिक्त हैं।सरकार उन्हें अन्न सब्जियों पर सब्सिडी दे।जिससे देश का आर्थिक संतुलन बना रहेगा ।
तभी जाकर कहावत चरितार्थ होगी
उत्तम खेती,
मध्यम वान
अंत चाकरी भीख समान।