गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि न करने का भारत सरकार का फैसला निराशजनक

गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि न करने का भारत सरकार का फैसला निराशजनक

गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि न करने का भारत सरकार का फैसला निराशजनक, किसान की आत्महत्या बढ़ेगी। 2022 तक किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी?
भारत सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने गन्ने के मूल्य पर फैसला करते हुए कोई वृद्धि न निर्णय लिया। कैबिनेट की बैठक के बाद गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 275 रू कुंतल की घोषणा की है। यह फैसला किसानों की कमर तोड़ने वाला है।किसानों की उत्पादन लागत में इस वर्ष डीजल,खाद ,बीज,बिजली,खरपतवार नासी,कीटनाशक दवाई आदि में 15% से अधिक वृद्धि हुई है। ऐसे में गन्ने के दाम न बढ़ाना सरकार की किसान विरोधी सोच को दर्शाता है। सरकार ने पहले भी रिकवरी के आधार पर तय होने वाले फॉर्मूले को बदलकर किसानों को 60 रुपये कुंतल का नुकसान कर दिया है।
हमारा प्रधानमंत्री जी से सवाल है कि आप किसान की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का वादा किस आधार पर करते है। किसान की फसल का दाम बढ़ नही रहा और न ही उत्पादन तो फिर क्या कोई जादू की छड़ी से किसान की आय दोगुना होगी।
हम इस फैसले का विरोध करते है और देश मे इसके खिलाफ जन जागरण कर आंदोलन खड़ा करना चाहिए.