गोबर की खाद से लौटाएं मिट्टी की उर्वरता

गोबर की खाद, खनन के दौरान खत्म हुई मिट्टी की उर्वरता को वापस लाने में मदद करती है। यह जानकारी यूएस डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर(यूएसडीए) के शोध में सामने आई है। अमेरिका में दक्षिण-पश्चिम मिसौरी, दक्षिणपूर्व कंसास, पूर्वोत्तर ओक्लाहोमा सहित और विश्व के अन्य हिस्सों में हजारों एकड़ भूमि की उर्वरता जस्ते और सीसे के खनन खत्म हो गई।

होमा स्थित यूएसडीए के अंतर्गत चलने वाली संस्था की सुगरकेन सर्विस यूनिट ‘एग्रीकल्चर रिसर्च सर्विस (एआरएस) के पॉल व्हाइट सहित अन्य मृदा वैज्ञानिकों ने ऐसे स्थानों पर गोबर की खाद डालकर यह निरीक्षण किया क्या इससे पौधों के लिए आवश्यक कार्बन की आपूर्ति हो सकती है।

घर पर बनाएं जैविक खाद

खेत की उर्वरकता बढ़ाएं आसानी से बनाएं जैविक खाद

किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिये विभिन्न तरह की रसायनिक खादों का इस्तेमाल करते हैं। खेती में रसायनिक खादों के इस्तेमाल से फसल के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी असर पड़ता है। ऐसे में किसान जैविक खाद अपना कर अपनी फसल की पैदावार के साथ-साथ जमीन की उर्वरता भी बढ़ा सकते हैं।

जैविक खाद बनाने का आसान तरीका

रासायनिक खाद का बेतहाशा उपयोग, उर्वरता बढ़ाने में जमीन हो रही बर्बाद

इन दिनों उत्पादन बढ़ाने के नाम पर किसानों द्वारा रासायनिक खादों का बेतहाशा उपयोग कर रहे हैं। इसके चलते जमीन में अम्लीयता की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह धीरे-धीरे जमीन कठोर होती जा रही है। कठोर होने की वजह से जमीन की घुलनशीलता में कमी आ गई है। ऐसे में पौधे पोषक तत्वों का शोषण नहीं कर पा रहे हैं। जिससे उत्पादन में कमी आने की आशंका जताई जा रही है।

फव्वारा सिंचाई से पानी की बर्बादी कम

देश भर पारंपरिक तौर पर होने वाले कृषि कार्यों में बहुत अधिक जल बर्बात होता है जिसे उन्नत सिंचाई प्रणालियों के प्रयोग से कम किया जा सकता है। ऐसी ही एक प्रणाली है फव्वारा सिंचाई या बौछारी सिंचाई प्रणाली इसके प्रयोग से किसान 30 से 50 प्रतिशत तक पानी का अपव्यय बचाया जा सकता है।
बौछारी सिंचाई का तरीका

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