कॉन्ट्रैक्ट खेती

कॉन्ट्रैक्ट खेती क्या है?

कई बार ये देखा गया है कि खऱीदार ना मिलने पर किसानों की फसल बर्बाद चली जाती है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह होती है किसान और बाज़ार के बीच तालमेल की कमी.

ऐसे में ही कॉन्ट्रैक्ट खेती की ज़रूरत महसूस की गई ताकि फसल की बर्बादी रोकी जाए और किसानों को भी उनके उत्पाद की मुनासिब कीमत मिल सके.

सरकार ने केंद्रीय कृषि नीति में, कॉन्ट्रैक्ट खेती के क्षेत्र में, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने का ऐलान किया था.

कांट्रेक्ट खेती का मकसद है - फसल उत्पाद के लिए तयशुदा बाज़ार तैयार करना। इसके अलावा कृषि के क्षेत्र में पूँजी निवेश को बढ़ावा देना भी कांट्रेक्ट खेती का उद्देश्य है।