आज भी हलधर ही है किसान

भगवान कृष्ण के भाई थे बलराम उनका अस्त्र था हल इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है. मान्यता अनुसार आज से लगभग 5 से 7 हजार वर्ष पूर्व उनका जन्म हुआ था. यूं तो कृषि के क्षेत्र में कहने के लिए हमने बहुत विकास कर लिया है परन्तु आज तक जिस हल के साथ बलराम की फोटो दिखाई जाती है उसी प्रकार के हल से आज भी हमारे किसान बैलो के साथ लगाकर खेत की जुताई करते है.

आज भारत में मोबाईल का उदय हुए मात्र 20 वर्ष हुए हैं परन्तु उसके अनगिनत मॉडल और तकनीक आयी परन्तु किसान आज भी बैलो से अपने खेत की जुताई करना चाहे तो उसे हलधर वाले हल का ही सहारा है जिससे वह दिन भर में मात्र आधा एकड़ खेत की ही जुताई कर सकता है. पशु आधारित कृषि के विकास के लिए न तो कोई सरकार यंत्रो का विकास करना चाहती है न ही पशुओ के गोबर और मूत्र आधारित प्रोडक्ट का विकास. आज भारत वर्ष में 90%से अधिक किसान 10 एकड़ से कम जमीन के मालिक है ऐसे में पशु एवं कृषि आधारित अर्थव्यस्था एवं छोटे कृषि यंत्रो का विकास, पशुधन का विकास कर हम देश को मजबूत कर सकते है.

अजय कुमार सिंह