गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और कंपोस्ट खाद की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान

गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और कंपोस्ट खाद की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान

बिहार गन्ना उद्योग विभाग की ओर से गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और कंपोस्ट खाद की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. गन्ना की खेती करने वाले किसानों को जैव उर्वरक और कार्बनिक पदार्थों वाली वर्मी कंपोस्ट खाद की खरीद पर 150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनुदान राशि देने का प्रावधान किया है. एक हेक्टेयर के लिए 25 क्विंटल तक खपत होती है. इस स्कीम का फायदा अधिकतम 2.5 एकड़ यानी 1 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा. इस हिसाब से गन्ना की खेती करने वाला हर किसान अधिकतम 3,750 रुपये का अनुदान ले सकता है. 

सर्दियों में भी मिलेगी गन्ना की अच्छी पैदावार
शरदकालीन गन्ना की बुवाई 15 सिंतबर से 30 नवंबर तक की जाती है, जिसके बाद उर्वरक प्रबंधन का काम किया जाता है. कई बार गन्ना की फसल में बेधक कीटों का संकट पैदा हो जाता है, जिससे निपटने के लिए पहले से ही फसल को मजबूत बनाने की सलाह दी जाती है. इस बीच बिहार सरकार गन्ना की जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है, इसलिए पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और वर्मी कंपोस्ट की खरीद पर अनुदान दिया जा रहा है. 

डबल उत्पादन के लिए करें ये काम
गन्ना की फसल से किसान दो से चार गुना तक अधिक उत्पादन ले सकते हैं. इसके लिए गन्ना की फसल के साथ आलू, चना, राई और सरसों की सह-फसल की खेती और मधुमक्खी पालन करने की सलाह दी जाती है. इस तरह फसलों में खाद-उर्वरक और सिंचाई के लिए अलग से खर्च नहीं करना पड़ता, बल्कि गन्ना की फसल में लगे संसाधनों से ही आपूर्ति हो जाती है.एक अनुमान के मुताबिक, ट्रेंच विधि से गन्ना की खेती करने वाले किसान यदि फसल की सही देखभाल करें तो 250 से 350 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं.