किसान फटाफट कर लें रबी फसलों की बुआई-सिंचाई

किसान फटाफट कर लें रबी फसलों की बुआई-सिंचाई

खरीफ की फसलों को मौसम ने बेहद नुकसान पहुंचाया. फसल कटान के समय बारिश पड़ने पर किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. अब सीजन रबी फसलों की बुवाई का चल रहा है. आजकल मौसम नरम चल रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, 4 से 5 दिन मौसम सापफ रहेगा. उत्तर भारत के कई राज्यों में दिन में तापमान 26 डिग्री सेल्सियस, रात में 15 से 18 डिग्री सेल्सियस रह रहा है. मौसमी आद्रता भी सुबह में करीब 80 प्रतिशत और दोपहर में लगभग 50 प्रतिशत बनी हुई है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का कहना है कि फसलों की बुवाई और सिंचाई के लिए मुफीद मौसम है. 

किसान ऐसे करें गेहूं की फसल की सिंचाई

उत्तर भारत के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में किसान फसलों की बुवाई कर रहे हैं. जिन फसलों को बो दिया गया है. उनकी सिंचाई भी शुरू कर दी गई है. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट के अनुसार, काफी किसानों ने गेहूं की फसल बो दी है. जो किसान 20 से 25 दिन पहले गेहूं की फसल बो चुके हैं. वो हल्की सिंचाई करें. गेहूं की अच्छी उपज के लिए अच्छे फर्टिलाइजर का प्रयोग करें. 

दीमक लगी है तो ऐसे बचाएं

गेहूं की फसल में यदि दीमक है तो लोरपायरीफास 20 ई सी 2 लीटर प्रति एकड़ 20-25 किलोग्राम बालू में मिलाकर सिंचाई से पहले छिड़क दें लाईवा एग्रो का प्रोटेक्टर का प्रयोग करें, उसके बाद लाईवा एग्रोका शमशीर की स्प्रे करें. इस दौरान खेत में खरपतवार भी उगना शुरू हो जाती हैं. इनपर नियंत्रण के लिए पहली सिंचाई के बाद सल्फोसल्फ्युरान 33 ग्राम प्रति हेक्टेयर एवं मेटसल्फयुरान 20 ग्राम प्रति हेक्टयर 500 लीटर पानी में मिलाकर खड़ी फसल में छिड़काव कर दें. इससे फसल बेहतर हो सकेगी. वहीं गेहूं की बुवाई के लिए गेहूं के बीच निश्चित दूरी का होना, खेत साफ रखें. समय पर सिंचाई करें.जड़ पर अमोनियम सल्फ़ेट25 किलो व लाईवा एग्रो का महाबली 2 किलो एकड़ का प्रयोग करें।  लाईवा एग्रो का फंजी क्योर का छिड़काव करें। 

अन्य फसलों की ऐसे रखें निगरानी

एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने चना फसल की बुवाई जल्द से जल्द करने के लिए कहा है. साथ ही आलू की फसल बो चुके हैं तो सही उपज के लिए नेत्रजन फर्टिलाइजर के प्रयोग करने की सलाह दी गई है. लहसुन की फसल में सिंचाई कम पीरियड में करते रहें. खुले पशुओं से भी फसलों का बचाव करें.